निर्भया केस: डेथ वारंट पर सुनवाई 7 जनवरी को, अदालत ने तिहाड़ जेल से कहा- दया याचिका के लिए दोषियों को दिए जाएं सात दिन
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 18, 2019 03:41 PM2019-12-18T15:41:27+5:302019-12-18T15:45:19+5:30
पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के माता-पिता ने याचिका दायर कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की मांग की थी। इसके लिए कोर्ट से डेथ वारंट मिलने पर जेल प्रशासन दोषियों को फांसी देगा।
निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड के चारों दोषियों को जल्द से जल्द फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए जरूरी डेट वारंट के मामले पर बुधवार (18 दिसंबर) दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। सरकारी वकील और एमिकस क्यूरी के तमाम के तर्कों को सुनने बाद अदालत ने सुनवाई टालने का फैसला लिया। अदालत ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी की तारीख मुकर्रर की। साथ ही तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वह दोषियों को हफ्तेभर में दया याचिका दायर करने का नया नोटिस जारी करे।
पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा चारों में से एक दोषी अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने की बात रखी और कहा कि इस मामले में दया याचिका से पहले डेथ वारंट जारी किया जा सकता है।
Delhi Court directs Tihar Jail authorities to issue a fresh notice for one week to convicts(2012 Delhi gangrape case) as to whether they want to file mercy petitions. Next date of hearing is 7th January https://t.co/KBfyBPDRiwpic.twitter.com/iBfRV6hof9
— ANI (@ANI) December 18, 2019
सरकारी वकील ने कहा कि फांसी से पहले 14 दिन का वक्त मिल सकता है और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए सात दिन का समय दिया जा सकता है।
सरकारी वकील ने जोर दिया कि यह मामला क्यूरेटिव पिटीशन (उपचारात्मक याचिका) के लायक नहीं है। इसके लिए डेथ वारंट जारी किया जा सकता है।
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के माता-पिता ने याचिका दायर कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की मांग की थी। इसके लिए कोर्ट से डेथ वारंट मिलने पर जेल प्रशासन दोषियों को फांसी देगा। डेथ वारंट जारी किए जाने के लिए एक पूरी प्रक्रिया का पालन करना होता है। डेथ वारंट को ब्लैक वारंट भी कहा जाता है।
अभी निर्भया के दोषियों को पास उनका बचाव करने के लिए आखिरी मौका क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का है। इसी बीच तिहाड़ जेल प्रशासन से खबर आई कि दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने से मना किया है।
बता दें कि मामले में एक दोषी विनय शर्मा ने यह कहते हुए दया याचिका वापस ले ली थी कि उस पर उसके हस्ताक्षर ही नहीं है।
तिहाड़ जेल के सूत्रों के हवाले खबरें आ चुकी हैं जेल में निर्भया के दोषियों को फंसी देने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दोषियों के पुतले बनाकर उनमें रेत भरकर फांसी दिए जाने का अभ्यास किया जा रहा है।