Nirbhaya Case: पवन जल्लाद ने डमी फांसी देने का किया रिहर्सल, दोषियों के पास हैं बस 3 दिन
By स्वाति सिंह | Published: March 18, 2020 09:14 AM2020-03-18T09:14:21+5:302020-03-18T09:50:14+5:30
निर्भया गैंगरेप और हत्या कांड मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी होनी है। पवन जल्लाद ने निर्भया बलात्कार एवं हत्याकांड के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने की निर्धारित तारीख से तीन दिन पहले मंगलवार को तिहाड़ जेल प्रशासन को रिपोर्ट की। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पवन मंगलवार को तिहाड़ जेल पहुंचा।
निर्भया गैंगरेप और हत्या कांड मामले के चारों दोषियों के फांसी में बस तीन दिन बचे हैं। इसके मद्देनजर बुधवार को तिहाड़ जेल में जल्लाद पवन की मौजूदगी में रिर्हसल हुई है। जल्लाद पवन ने जेल प्रशासन के अधिकारियों के सामने दोषियों के डमी को फांसी पर लटकाने का रिहर्सल किया।
बता दें कि निर्भया गैंगरेप और हत्या कांड मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी होनी है। पवन जल्लाद ने निर्भया बलात्कार एवं हत्याकांड के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने की निर्धारित तारीख से तीन दिन पहले मंगलवार को तिहाड़ जेल प्रशासन को रिपोर्ट की। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पवन मंगलवार को तिहाड़ जेल पहुंचा। पांच मार्च को यहां एक निचली अदालत ने निर्भया बलात्कार एवं हत्याकांड के दोषियों-- मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी पर चढ़ाने की नयी तारीख 20 मार्च, सुबह साढ़े पांच तय की ।
जेल प्रशासन ने फांसी पर चढ़ाने की नयी तारीख जारी होने के बाद दोषियों के परिवारों को पत्र लिखा है। उनकी मौत की सजा पर तामील तीन बार टली है। मुकेश, पवन और विनय की अपने अपने परिवारों के साथ अंतिम बार मुलाकात हुई। अक्षय का उसके परिवार के साथ मुलाकात नहीं हुई है। यह मुलाकात इसलिए करायी जाती है कि ताकि दोषी अपने परिवार के साथ बातचीत कर सके और गले लग सके। बता दें कि तीन बार उनकी फांसी टल चुकी है।
दोषी पवन गुप्ता ने SC में दायर की ताजा सुधारात्मक याचिका
उधर, चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने आखिरी प्रयास के तहत उच्चतम न्यायालय में एक सुधारात्मक याचिका दायर की है। पवन गुप्ता ने यह सुधारात्मक याचिका उस पुनर्विचार याचिका को खारिज किये जाने के खिलाफ दायर की है जिसमें उसके किशोर होने का दावा खारिज किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने दोषी पवन गुप्ता की उस समीक्षा याचिका को 31 जनवरी को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अदालत के उस फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी जिसमें उसके नाबालिग होने के दावे को 20 जनवरी को खारिज कर दिया गया था। पुनर्विचार याचिका न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने चैंबर में सुनवायी करके खारिज कर दी थी। पवन के अधिवक्ता ए पी सिंह ने मंगलवार को सुधारात्मक याचिका दायर किये जाने की पुष्टि की।
ICJ निर्भया मामले में दोषियों की फांसी पर रोक नहीं लगा सकता
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी एन श्रीकृष्ण ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय निर्भया मामले में दोषियों की 20 मार्च को तय फांसी पर रोक नहीं लगा सकता। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में से तीन ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाकर अपनी ‘‘गैरकानूनी फांसी की सजा’’ रोकने का अनुरोध किया है। उनका आरोप है कि उन्हें ‘‘दोषपूर्ण’’ जांच के जरिये दोषी करार दिया गया और प्रयोग का माध्यम (गिनी पिग) बनाया गया है।
न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण ने दोषियों की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आईसीजे उन्हीं मामलों में कुछ कर सकता है जो उसके क्षेत्राधिकार में आते हों। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि आईसीजे इस मामले में दखल देकर फांसी रोक सकता है।'' उन्होंने यह भी कहा कि आईसीजे अपील की अगली अदालत नहीं है।