निर्भया केस: दोषी के वकील ने कहा- मामला राजनीति और मीडिया के दबाव से प्रभावित, दोषी के साथ घोर अन्याय हो चुका है

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 18, 2019 08:50 AM2019-12-18T08:50:41+5:302019-12-18T08:52:48+5:30

दोषी के वकील ने एपी सिंह ने शीर्ष अदालत में कहा कि निर्भया मामला राजनीति और मीडिया के दबाव से प्रभावित रहा है और दोषी के साथ घोर अन्याय हो चुका है। वकील ने आगे कहा कि वैसे भी दिल्ली में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण की वजह से जीवन छोटा होता जा रहा है। इसी के साथ दोषी के वकील ने दया की गुहार लगाई।

Nirbhaya Case: lawyer of the convict says case has been influenced, injustice to convict | निर्भया केस: दोषी के वकील ने कहा- मामला राजनीति और मीडिया के दबाव से प्रभावित, दोषी के साथ घोर अन्याय हो चुका है

निर्भया केस के चारों दोषी। (फाइल फोटो)

Highlightsनिर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल में तैयारियां हो रही हैं।फांसी देने के लिए जल्लाद का चयन किया गया है और बिहार के बक्सर जेल से रस्सियां भी मंगाई गई हैं।

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में मंगलवार (17 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में चार में से एक दोषी अक्षय सिंह ठाकुर की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान जब दलीलों की बारी आई तो दोषी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के साथ घोर अन्याय हो चुका है। 

दोषी के वकील ने एपी सिंह ने शीर्ष अदालत में कहा कि निर्भया मामला राजनीति और मीडिया के दबाव से प्रभावित रहा है और दोषी के साथ घोर अन्याय हो चुका है। वकील ने आगे कहा कि वैसे भी दिल्ली में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण की वजह से जीवन छोटा होता जा रहा है। इसी के साथ दोषी के वकील ने दया की गुहार लगाई।

बता दें कि 2012 के निर्भया मामले में जब आरोप तय हुए थे को मामला जघन्य से जघन्यतम श्रेणी के अपराध का माना गया था। 2017 में मामले के चारों दोषियों को मिली मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। पिछले नौ जुलाई को इस मामले के तीन अन्य दोषी दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 

बुधवार को दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर नई पीठ सुनवाई करेगी क्योंकि मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने पीड़िता के मां की ओर से एक उनके एक रिश्तेदार के पेश होने पर मामले से खुद को अलग कर लिया था। नई पीठ में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना शामिल हैं। 

2012 में दिल्ली के बसंत विहार इलाके में मेडिकल की एक छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और फिर बर्बरता से उस पर हमला किया गया था। छात्रा ने 29 दिसंबर को अस्पताल में दम तोड़ दिया था। मामले को लेकर देशभर के ज्यादातर लोगों का खून खौल उठा था और जल्द न्याय की मांग की थी लेकिन सात वर्ष हो चुके हैं और पीड़िता की मां और पिता अब भी उम्मीद बांधे हैं कि दोषियों को फांसी पर जरूर लटकाया जाएगा।

दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल में तैयारियों की खबरें हैं। फांसी देने के लिए जल्लाद का चयन कर लिया है। कहा जा रहा है कि यूपी के मेरठ के पवन कुमार को जल्लादी के काम के लिए चयनित किया गया है और बिहार के बक्सर जेल से रस्सियां मंगाई गई हैं।

Web Title: Nirbhaya Case: lawyer of the convict says case has been influenced, injustice to convict

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