निर्भया केस: केंद्र की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, 11 फरवरी को अगली सुनवाई, दोषियों को मिला नोटिस

By पल्लवी कुमारी | Published: February 7, 2020 12:53 PM2020-02-07T12:53:52+5:302020-02-07T12:53:52+5:30

साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई।

Nirbhaya Case: Hearing in Supreme Court deferred on Center's plea , next hearing on Monday | निर्भया केस: केंद्र की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, 11 फरवरी को अगली सुनवाई, दोषियों को मिला नोटिस

निर्भया केस: केंद्र की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, 11 फरवरी को अगली सुनवाई, दोषियों को मिला नोटिस

Highlightsदिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि निर्भया मामलों में सभी चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए न कि अलग-अलग।दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों को एक हप्ते का वक्त दिया है, कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने के लिए।

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के संबंध में केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट  में अब इस मामले की सुनवाई 11 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी कर कहा है कि वे जल्द से जल्द अपने कानूनी विकल्प इस्तेमाल करें। इससे पहले इन दोषियों की फांसी की सजा पर रोक के खिलाफ केंद्र की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी न कि अलग-अलग। साथ ही न्यायालय ने उन्हें बाकी के बचे कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने के लिए एक हफ्ते की समयसीमा दी। उसने कहा कि अगर दोषी अब से सात दिन के भीतर किसी तरह की याचिका दायर नहीं करते हैं तो संबंधित संस्थान/प्राधिकरण बिना किसी विलंब के कानून के अनुसार मामले से निपट सकते हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि निर्भया मामलों में सभी चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए न कि अलग-अलग और अदालत ने संबंधित अधिकारियों को इस बात के लिए कसूरवार भी ठहराया कि उन्होंने 2017 में उच्चतम न्यायालय द्वारा अभियुक्तों की अपील खारिज किए जाने के बाद मृत्यु वारंट जारी करने के लिए कदम नहीं उठाया।

निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी दिए जाने पर ‘‘अगले आदेश तक रोक’’ लगा दी थी।

Web Title: Nirbhaya Case: Hearing in Supreme Court deferred on Center's plea , next hearing on Monday

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