निर्भया केस: दोषी अक्षय ने फांसी से बचने के लिए राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, फांसी की नई तारीख के लिए तिहाड़ पहुंचा कोर्ट

By पल्लवी कुमारी | Published: February 6, 2020 03:39 PM2020-02-06T15:39:40+5:302020-02-06T15:39:40+5:30

साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई।

Nirbhaya case convicts akshay write letter to President tihar jail go to court for death warrant | निर्भया केस: दोषी अक्षय ने फांसी से बचने के लिए राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, फांसी की नई तारीख के लिए तिहाड़ पहुंचा कोर्ट

निर्भया केस: दोषी अक्षय ने फांसी से बचने के लिए राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, फांसी की नई तारीख के लिए तिहाड़ पहुंचा कोर्ट

Highlights राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया मामले के चार दोषियों में एक अक्षय की दया याचिका पहले खारिज कर दी थी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी थी। निर्भया केस को दोषियों की डेथ वारंट दो बार टाली चा चुकी है।

निर्भया गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियो में से एक दोषी अक्षय ने फांसी से बचने के लिए फिर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। टीवी रिपोर्ट के मुताबिक अक्षय के वकील एपी सिंह के मुताबिक, अक्षय ने एक फरवरी को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा था कि अक्षय की दया याचिका बिना उसके हस्ताक्षर के राष्ट्रपति के समक्ष दाखिल की गई। लिहाजा दया याचिका पर संज्ञान नहीं लिया जाए। इधर दोषियों की फांसी की नई तारीख के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचा है।  जेल प्रशासन ने दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने का अनुरोध किया है।  निर्भया केस को दोषियों की डेथ वारंट दो बार टाली चा चुकी है।

अक्षय के वकील एपी सिंह के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन में पावती की मुहर के साथ संलग्न पत्र में कहा गया है कि 31 जनवरी को दाखिल दया याचिका पर अक्षय के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान नहीं है और ना ही याचिका तिहाड़ जेल प्रशासन से प्रमाणित है। दो अन्य आरोपियों मुकेश सिंह और विनय कुमार शर्मा की दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। 

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया मामले के चार दोषियों में एक अक्षय की दया याचिका पहले खारिज कर दी थी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी थी। अक्षय ने कुछ दिन पहले राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि निर्भया मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग- अलग। इसके साथ ही अदालत ने फांसी पर रोक के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके खिलाफ केंद्र सरकार ने आज (6 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। जिसपर सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। 
 

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