निर्भया मामला: फांसी से बचने के लिए दोषी विनय के बाद अब अक्षय ने राष्ट्रपति के पास दायर की दया याचिका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 1, 2020 11:56 AM2020-02-01T11:56:32+5:302020-02-01T11:58:00+5:30
29 जनवरी को दया याचिका भेजी थीं। इसके अलावा, दिल्ली की एक अदालत द्वारा शुक्रवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार दोषियों के मृत्यु वारंट की तामील को अगले आदेश तक स्थगित किए जाने के बाद अब उन्हें एक फरवरी, शनिवार सुबह फांसी नहीं दी जाएगी।
निर्भया मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को शनिवार सुबह खारिज कर दी है। इसके बाद भी फांसी से बचने के लिए सभी दोषी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। विनय के बाद अब अक्षय ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की है।
2012 Nirbhaya case convict Akshay Thakur has now filed a mercy petition before the President of India pic.twitter.com/mKtyqlGU51
— ANI (@ANI) February 1, 2020
बता दें कि 29 जनवरी को दया याचिका भेजी थीं। इसके अलावा, दिल्ली की एक अदालत द्वारा शुक्रवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार दोषियों के मृत्यु वारंट की तामील को अगले आदेश तक स्थगित किए जाने के बाद अब उन्हें एक फरवरी, शनिवार सुबह फांसी नहीं दी जाएगी।
2012 Delhi gang-rape case: The President of India rejects mercy plea of convict Vinay Sharma pic.twitter.com/SDzNrEiYxk
— ANI (@ANI) February 1, 2020
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चारों दोषियों की अर्जी पर यह आदेश जारी किया। चारों दोषियों ने एक फरवरी को उन्हें फांसी देने पर रोक लगाने की मांग की थी।
मुकेश कुमार सिंह (32), पवन कुमार गुप्ता (25), विनय कुमार मिश्रा (26) और अक्षय कुमार (31) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी। दूसरी बार मृत्यु वारंट की तामील टाली गई है।
पहली बार सात जनवरी को चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का मृत्यु वारंट जारी किया गया था। इस पर 17 जनवरी को स्थगन दिया गया था। उसी दिन फिर उन्हें एक फरवरी को फांसी देने के लिए दूसरा वारंट किया गया जिस पर शुक्रवार को रोक लगा दी गयी।
पवन, विनय और अक्षय के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर अमल को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की अपील की और कहा कि उनके कानूनी उपचार के मार्ग अभी बंद नहीं हुए हैं।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनके आवेदन को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह विचारयोग्य नहीं है तथा उन्हें अलग अलग फांसी दी जा सकती है। लेकिन, तिहाड़ जेल की यह दलील अदालत में स्वीकार नहीं हुई।
दोषियों के वकील ने दलील दी कि नियम कहते हैं कि जब एक की अर्जी लंबित हो तो दूसरे को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि यदि कोई एक ही दोषी अपील करता है या आवेदन देता है तो उस मामले में दूसरे दोषियों की सजा की तामील पर रोक लगायी जाएगी।
अदालत ने कहा कि इस आदेश की प्रति यहां मौजूद दोषियों के वकील और जेल अधिकारियों को दी जाए। आदेश में कहा गया है, ‘‘जेल अधीक्षक को कल तक अनुपालन रिपोर्ट फाइल करने का निर्देश दिया जाता है।’’
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि वह अपनी बेटी के सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने तक लड़ाई जारी रखेंगी।
दिल्ली की अदालत ने दोषियों के डेथ वारंट पर अमल को शुक्रवार को टाल दिया, जिसके तुरंत बाद उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं लेकिन वह लड़ाई जारी रखेंगी।
उन्होंने कहा, ''इन दरिंदों को जीने का कोई अधिकार नहीं है। हम व्यवस्था से निराश होते जा रहे हैं। दोषियों को फांसी दिये जाने तक लड़ाई जारी रखूंगी।''
निर्भया के माता-पिता के वकील ने कहा कि पिछले एक साल से दोषियों से बार बार कहा गया कि वे कानूनी उपचार का मार्ग अपनाएं लेकिन वे टालमटोल कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘वे अब एक एक कर देर करने की तरकीब अपना रहे हैं। दोषी पूरी व्यवस्था का दुरूपयोग कर रहे हैं।’’