नवादा में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की गई जान, दो की आंखों की रोशनी गई, दर्जन लोग बीमार
By एस पी सिन्हा | Published: April 1, 2021 01:57 PM2021-04-01T13:57:14+5:302021-04-01T13:58:29+5:30
बिहार में नवादा जिले के नगर थाना क्षेत्र के चार अलग-अलग गांवों में जहरीली शराब ने कई की जान ले ली। डीएम यशपाल मीणा, एसपी धूरत सयाली साबला राम ने गोंदापुर गांव पहुंच कर मृतकों के स्वजनों से बातचीत की।
पटनाः बिहार में नवादा जिले के नगर थाना क्षेत्र के चार अलग-अलग गांवों में संदिग्ध स्थितियों में मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है।
नवादा में 12 लोगों की जहरीली शराब पीने से हुई मौत पर नवादा प्रशासन अपनी चूक मानने के बजाय अपना चेहरा चमकाने में ज्यादा लगा हुआ है। लेकिन मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। किशोरी सिंह के 35 वर्षीय बेटा धारो सिंह, गोंदापुर के शिवशंकर कुमार उर्फ कीर्ति कुमार और गायत्री नगर बुधौल के भूषण रजवार की आज मौत हो गई। जिसके बाद सामने आया सदर अस्पताल की तरफ से जारी किया गया पुर्जा, जिसमें साफ तौर पर शराब से मौत की बात लिखी हुई है।
पुलिस-प्रशासन ने इस मामले में समय पर संज्ञान नहीं लिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल द्वारा जारी पुर्जे पर धर्मेंद्र कुमार का नाम भी लिखा दिखाई दे रहा है। इस प्रकार से मौत का आंकड़ा 12 पर पहुंच गया है। दूसरे दिन तीन मौत होने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों में आक्रोश है और लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि संदिग्ध मौत के बीच चर्चा कि पुलिस-प्रशासन ने इस मामले में समय पर संज्ञान नहीं लिया।
यदि समय पर संज्ञान लिया होता तो शायद कई की जानें बच सकती थीं। हद तो यह कि सदर अस्पताल के पर्चे पर मौत का कारण शराब बताया गया है, लेकिन बिना पोस्टमार्टम कराए शव स्वजनों को सौंप दिया गया. पुलिस के डर से परिजन उसकी बॉडी लेकर घर चले आते हैं। पुलिस ने इसे हल्के में लिया और इसका परिणाम हुआ कि लोगों की लाशें बिछने का सिलसिला लगातार जारी है।
महेश रविदास और विपिन कुमार की आंखों की रोशनी चली गई
वहीं नगर परिषद के सफाईकर्मी महेश रविदास और विपिन कुमार की आंखों की रोशनी चली गई है। फजीहत यह है कि अब तक प्रशासन को अन्य पीड़ितों की जानकारी नहीं मिल सकी है, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों के परिजन बातचीत करने से कतरा रहे हैं और जानकारी नहीं दे रहे हैं. कई लोग घर छोडकर भाग गये हैं।
ऐसे में प्रशासन के लिए काम करने में बाधा आ रही है। एक तरफ जहरीली शराब से हुई मौत पर पीड़ित परिवार में मातम का दौर जारी है तो दूसरी तरफ सबूत पर सबूत होने के बावजूद प्रशासन के द्वारा शराब से होने वाली मौत पर पर्दा डालने का खेल भी जारी है। वहीं, शराब पीने से मौत की सूचना मिलते ही जिला से लेकर राज्य मुख्यालय तक सनसनी फैल गई. नवादा में इतनी बड़ी घटना होने के बाद काफी देर से डीएम यशपाल मीणा व एसपी धुरत सायली सावलाराम घटनास्थल पर पहुंचीं और हालात का जायजा लिया. डीएम-एसपी ने अधिकारियों को मामले में समुचित निर्देश दिए।
परिजन कुछ स्पष्ट नहीं बता रहे हैं
लेकिन तबतक सभी मृतकों की अंत्येष्टि की जा चुकी थी। शराब माफिया का खौफ इतना ज्यादा है कि परिजन कुछ स्पष्ट नहीं बता रहे हैं। मृतक दिनेश, ओमप्रकाश, गोपाल के अलावा अंधापन के शिकार हुए चमारी के स्वजनों ने शराब को वजह बताया है. दिनेश की पत्नी प्रियंका ने साफ तौर पर कहा कि शराब पीने से ही पति की मौत हुई है। उनकी पहले से तबीयत खराब नहीं थी।
ओमप्रकाश की पत्नी ने भी ऐसा ही कहा। यहां बता दें कि बुधवार को खरीदी बिगहा गांव के दिनेश सिंह उर्फ शक्ति, उसी गांव में किराए के मकान में रहने वाले ओमप्रकाश उर्फ लोहा ठठेरा (मूल निवासी- तीन नंबर बस स्टैंड के समीप), प्रभाकर गुप्ता (मूल निवासी- पिथौरी, अकबरपुर), गोंदापुर का रामदेव यादव, अजय यादव, शैलेंद्र यादव उर्फ सालो और उसका भांजा, सिसवां गांव के गोपाल कुमार और बुधौल गांव का सोनू कुमार मिश्रा की मौत हो गई थी। खरीदी बिगहा के चमारी चौधरी की आंखों की रोशनी चली गई थी. दर्जनों लोग अभी बीमार हैं।
वहीं कई लोग अब भी अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं। इनमें से कई ऐसे लोग भी हैं जिनके शरीर के कई अंगों पर जहरीली शराब का प्रतिकूल प्रभाव हुआ है. कुछ लोगों की आंख की रोशनी चली गई है तो वहीं कुछ लोगों को धुंधला दिखाई देमे लगा है। घटना के बाद अधिकारियों की टीम पीड़ितों के घर-घर जाकर सभी से पूछताछ कर रही है। पीड़ित की पुत्री किसमतिया देवी ने अधिकारियों समक्ष बताया कि होलिका दहन के दिन यानी कि सोमवार की शाम को पिता शराब पीकर आए थे।