दिल्ली में कम हुआ अपराध, फिर भी लड़कियों के लिए आसान नहीं दिल्ली की गलियां

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 28, 2017 10:03 IST2017-12-26T15:12:10+5:302017-12-28T10:03:36+5:30

2016 की तुलना में इस साल रेप के मामले में सिर्फ 0.84 प्रतिशत की कमी आई है, जो दिल्ली पुलिस के दावों को लगभग झूठा साबित किया है।

national crime report bureau delhi is most unsafe for women | दिल्ली में कम हुआ अपराध, फिर भी लड़कियों के लिए आसान नहीं दिल्ली की गलियां

दिल्ली में कम हुआ अपराध, फिर भी लड़कियों के लिए आसान नहीं दिल्ली की गलियां

दिल्ली में होती अपराध की घटनाएं पर एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स  ब्यूरो) ने 2017 की घटनाओं पर रिपोर्ट पेश की है। 2016 की तुलना में इस साल रेप के मामले में सिर्फ 0.84 प्रतिशत की कमी आई है, जो दिल्ली पुलिस के दावों को लगभग झूठा साबित किया है।

2016 के मुताबिक 2017 में अपराध

 2017 में रेप के 1894 मामले दर्ज हुए,जबकि 2016 में 1910 मामले दर्ज हुए थे। दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि साल 2016 की तुलना में दिल्ली में जघन्य वारदातों में कमी आई है। डकैती, लूटपाट, फिरौती के लिए अपहरण, दंगे जैसी घटनाओं में 20 फीसदी से लेकर 40 फीसदी तक कमी दर्ज की गई। जबकि हत्या, हत्या की कोशिश जैसे मामलो में मामूली कमी   दर्ज  की गई है। जबकि हत्या के मामलों में सिर्फ 5.29 फीसदी और हत्या की कोशिश के मामले में महज 2.25 प्रतिशत की कमी आई है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में करीब 24.04 प्रतिशत जघन्य मामले कम दर्ज हुए हैं। 

आम अपराध में बढोत्तरी

दिल्ली पुलिस के द्वारा नंबर में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक आम अपराध में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। खासकर वाहन चोरी की घटनाएं सबसे अधिक हुई है। पिछले साल की तुलना में साल 2017 में कुल आम अपराध के मामले में 12.76 प्रतिशत अधिक दर्ज हुए। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने यह भी दावा किया है कि  वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में अधिक मामले सुलझाएं गए हैं।

डकैती/फिरौती के मामले

इस साल पुलिस ने डकैती और फिरौती के लिए अपहरण जैसे मामले को 100 फीसदी तक सुलझाया गया है। वर्ष 2016 में जघन्य अपराध के सिर्फ 68.98 मामले ही सुलझे थे,जबकि इस वर्ष 85.49 मामले सुलझे हैं। वर्ष 2016 में आम अपराध के सिर्फ 24.57 फीसदी ही मामले सुलझे थे,जबकि इस वर्ष 32.65 फीसदी मामले सुलझे हैं। 

दिल्ली की सड़कों पर हुई कम मौतें

दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली की सड़कों पर लगातार सड़क हादसे में मौत होने की घटना कम हुई है। इसके साथ ही सड़क हादसे की घटनाओं में भी कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2016 तुलना में इस वर्ष सड़क हादसे में करीब साढ़े पांच फीसदी मौते कम हुई है। जबकि करीब 11.06 फीसदी कम दुर्घटनाएं हुई। वर्ष 2016 में सड़क हादसे में 1373 लोगों ने जान गंवाया था। जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा घटकर 1299 हो गया। यही हाल सड़क दुर्घटना की है,इस वर्ष 4575 सड़क हादसे हुए। वही 2016 में 5144 दुर्घटनाएं हुई थी। 

क्या है साइबर क्राइम का हाल?

अगर बात करें साइबर क्राइम की तो साल 2015 की तुलना में 2016 में साइबर क्राइम काफी बढ़ा है। साल 2016 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 2 हजार 639 मामले सामने आए हैं, वहीं महाराष्ट्र में 2,380 मामले निकल कर आए हैं।

एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर क्राइम के लिहाज से मुंबई देश का सबसे असुरक्षित शहर है। नोटबंदी के बाद से साइबर क्राइम में काफी तेजी आई है। जहां साल 2014 में साइबर क्राइम के कुल 9,622 मामले दर्ज किए गए। 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 11 हजार 592 तक पहुंच गई। साल 2016 में साइबर क्राइम का यह आंकड़ा 12 हजार 317 तक पहुंच चुकी है।

जानकारों का मानना है कि जब अगले साल 2017 का क्राइम रिपोर्ट का डाटा एनसीआरबी लेकर आएगी तो साइबर क्राइम में पहले से कहीं ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। क्योंकि, नोटबंदी के बाद से सबसे ज्यादा साइबर क्राइम की शिकायत मिल रही है. देश में डिजिटाइजेशन के सामने साइबर क्राइम एक सबसे बड़ी बाधा बन कर खड़ी है।

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