उन्नाव बलात्कार पीड़िता को टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक और हेल्पर का नार्को टेस्ट संभव

By भाषा | Updated: August 20, 2019 04:26 IST2019-08-20T04:26:07+5:302019-08-20T04:26:07+5:30

सीबीआई उस ट्रक के चालक और हेल्पर की नार्को जांच करा सकती है जिस ट्रक से उन्नाव बलात्कार पीड़िता के कार को टक्कर मारी गई थी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस बारे में एजेंसी उन्हें हिरासत में भी ले सकती है।

Narco test possible for the driver and helper of the truck that hit the Unnao rape victim | उन्नाव बलात्कार पीड़िता को टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक और हेल्पर का नार्को टेस्ट संभव

उन्नाव बलात्कार पीड़िता को टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक और हेल्पर का नार्को टेस्ट संभव

Highlightsसीबीआई उस ट्रक के चालक और हेल्पर की नार्को जांच करा सकती हैआरोप है कि भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उससे बलात्कार किया था।

नयी दिल्ली, 19 अगस्तः सीबीआई उस ट्रक के चालक और हेल्पर की नार्को जांच करा सकती है जिस ट्रक से उन्नाव बलात्कार पीड़िता के कार को टक्कर मारी गई थी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस बारे में एजेंसी उन्हें हिरासत में भी ले सकती है।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कार्यालय में दोनों की झूठ पकड़ने वाली मशीन से जांच कराई थी और गुजरात के गांधीनगर के फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में उनकी ब्रेन मैपिंग कराई गई लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। एजेंसी ने अभी तक पीड़िता और उसके वकील से बात नहीं की है जिनका एम्स में इलाज चल रहा है और चिकित्सकों ने कहा है कि उनका बयान अभी दर्ज नहीं किया जा सकता क्योंकि वे चिकित्सकीय रूप से ठीक नहीं हैं।

आरोप है कि भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उससे बलात्कार किया था। पीड़िता की गंभीर हालत को देखते हुए उसे लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय से एम्स लाया गया था। पीड़िता और उसके वकील की कार को रायबरेली के गुरबख्शगंज में 28 जुलाई को विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी थी। दुर्घटना में पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी।

नार्को जांच में व्यक्ति के शरीर में ऐसा रसायन डाला जाता है कि उसके दबे हुए विचार और यादें बाहर आ जाती हैं। झूठ पकड़ने वाली जांच के दौरान एक व्यक्ति से पूछताछ के दौरान उसके शरीर के महत्वपूर्ण पैरामीटर की जांच होती है। इन पैरामीटर में बदलाव से संकेत मिलता है कि कोई व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं। ब्रेन मैपिंग में तंत्रिका विज्ञान की तकनीक का प्रयोग किया जाता है और उसके मस्तिष्क की प्रक्रिया तब देखी जाती है जब घटनाओं से संबंधित तस्वीरें और सूचना उसके समक्ष रखी जाती है।

तीनों तकनीक का साक्ष्य के रूप में अदालत में कोई महत्व नहीं है लेकिन उनका इस्तेमाल छुपी हुई सूचनाएं सामने लाने में होता है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक हमें दो हफ्ते में जांच पूरी होने की उम्मीद है। हम सही दिशा में जा रहे हैं।’’

Web Title: Narco test possible for the driver and helper of the truck that hit the Unnao rape victim

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