बंबई हाईकोर्ट ने नागपुर पीठ ने गैंगस्टर अरुण गवली की पैरोल अवधि पांच दिनों के लिए बढ़ाई
By भाषा | Updated: May 29, 2020 17:15 IST2020-05-29T16:31:47+5:302020-05-29T17:15:21+5:30
बंबई हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने अरुण गवली की पैरोल अवधि पांच दिनों के लिए बढ़ा दी है। नागपुर केंद्रीय कारागार में आत्मसमर्पण करने के लिए पुलिस से यात्रा अनुमति लेने के निर्देश दिए हैं।

नागपुर केंद्रीय कारागार के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों से अनुमति लेने के निर्देश दिए। (photo-social)
नागपुर: बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने गैंगस्टर अरुण गवली की पैरोल अवधि शुक्रवार को पांच दिनों के लिए बढ़ा दी और उसे नागपुर केंद्रीय कारागार में आत्मसमर्पण करने के लिए पुलिस से यात्रा अनुमति लेने के निर्देश दिए। न्यायमूर्ति एस बी शुक्रे और न्यायमूर्ति ए एस किलोर की खंडपीठ ने गवली को कोरोना वायरस के कारण लगाए लॉकडाउन के बीच मुंबई से नागपुर की यात्रा करने और नागपुर केंद्रीय कारागार के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों से अनुमति लेने के निर्देश दिए।
उसके वकील मीर नगमन अली ने अदालत को सूचित किया कि उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ द्वारा गत सप्ताह दिए आदेश के अनुसार गवली को आत्मसमर्पण करने के लिए नवी मुंबई की तलोजा जेल के अधिकारियों के समक्ष पेश होना था। अली ने बताया कि हालांकि जेल अधिकारियों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उसे लेने से इनकार कर दिया। आत्मसमर्पण के लिए और समय मांगने की गवली की अर्जी पर सुनवाई के बाद अदालत ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता (गवली) को एक आखिरी मौका दिया जाना चाहिए।
’’ पीठ ने गवली को एक दिन के भीतर मुंबई से नागपुर की यात्रा करने की अनुमति मांगने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को ऑनलाइन अर्जी देने के निर्देश दिए। गवली को अपनी बीमार पत्नी आशा से मिलने के लिए 13 मार्च को पैरोल दी गई थी और उसे 27 अप्रैल को आत्मसमर्पण करना था।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण उसकी पैरोल को सात दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था। आठ मई को पैरोल अवधि फिर सात दिनों के लिए बढ़ा दी गई और गवली ने 31 मई तक इसे बढ़ाने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। अदालत ने 22 मई को उसे और वक्त देने से इनकार कर दिया था और गवली को नवी मुंबई के तलोजा जेल में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था।