मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने की थी मिस्ट्री वुमेन मधु को अवाॉर्ड दिलाने तैयारी, डीएम को भेजा था नाम

By एस पी सिन्हा | Updated: August 3, 2018 20:22 IST2018-08-03T20:17:17+5:302018-08-03T20:22:33+5:30

मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु कुमारी का नाम जिला महिला सम्मान दिलाने के लिए अतिविशिष्ट महिलाओं की सूची में समाज कल्याण विभाग को भेजा था।

Muzaffarpur shelter home case: accused Brajesh Thakur have planning to awards to Mystery Woman Madhu | मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने की थी मिस्ट्री वुमेन मधु को अवाॉर्ड दिलाने तैयारी, डीएम को भेजा था नाम

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने की थी मिस्ट्री वुमेन मधु को अवाॉर्ड दिलाने तैयारी, डीएम को भेजा था नाम

पटना, 3 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका अल्पवास गृह यौन उत्पीडन कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की राजदार और बालिका गृह की कर्ता-धर्ता मधु अभी भी पुलिस और सीबीआई की गिरफ्त से बाहर है। उसकी तलाश जारी है। लेकिन नये खुलासे में ये बात सामने आई है कि मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु कुमारी का नाम जिला महिला सम्मान दिलाने के लिए अतिविशिष्ट महिलाओं की सूची में समाज कल्याण विभाग को भेजा था।

बताया जाता है कि मधु 'लालटेनपट्टी' उजडने के बाद पहली बार ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में आई थी। मधु ब्रजेश ठाकुर के संगठनों को देखना,चलाने का काम करती थी। नब्बे के दशक में ब्रजेश ठाकुर और मधु करीब आए। तब ब्रजेश ठाकुर की शादी भी नहीं हुई थी। उसके बाद से ही उनकी नजदीकी की चर्चा हर जुबान पर रही है। वह ब्रजेश के एनजीओ के लिए अधिकारियों के बीच लाइजनिंग का काम करती थी। इसी दौरान यह पहली बार था जब बिहार में किसी संस्था ने रेड लाइट एरिया की महिलाओं के लिए पुनर्वास का काम शुरू किया था। उस समय पूरे देश में यह खबर चर्चा का विषय बनी थी। मधु कुमारी और ब्रजेश ने मिलकर 50 महिलाओं का एक गैंग तैयार किया। यह मामला वर्ष 2015 का है। तत्कालीन डीएम अनुपम कुमार ने महिला सम्मान के लिए तीन महिलाओं का नाम समाज कल्याण विभाग को भेजा था। इस लिस्ट में किसान चाची राजकुमारी देवी और मालती सिंह के अलावा मधु कुमारी भी शामिल थीं। अब इस नये खुलासे के बाद जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।

फिलहाल, पुलिस ने मधु के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज नहीं की है लेकिन पुलिस की केस डायरी में उसका जिक्र जरूर है। ब्रजेश ठाकुर की मदद से मधु के तार सियासी और प्रशासनिक महकमों में दूर तक फैले थे और ठाकुर की गैर मौजूदगी में वही उसके एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का कामकाज देखती थी। यही एनजीओ साहू रोड में बालिका गृह का संचालन कर रही थी। मधु अपने को इसका अघोषित डायरेक्टर कहती थी। वकालत की पढाई कर चुकी मधु को टेंडर हथियाने वाली महिला के तौर पर भी जाना जाता है। मधु ही वो राजदार है जो पिछले 30 सालों से ब्रजेश ठाकुर की सबसे नजदीक रही है। जब 2013 में बालिका गृह से तीन लडकियां गायब हो गई थीं तब भी पूरे मामले की सूचना देने से लेकर दस्तावेज प्रबंधन का काम मधु ने ही किया था।

पुलिस के बाद अब सीबीआई के लिए भी मधु की तलाश इस कांड में अहम बन गई है। कुछ स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, वो भूमिगत हो चुकी है और बिहार की सीमा से बाहर जा चुकी है। सीबीआई से पहले मामले की जांच कर रही मुजफ्फरपुर महिला थाने की इंस्पेक्टर ज्योति कुमारी ने बताया कि केस डायरी में जिस मधु का नाम है। उससे हम पूछताछ नहीं कर पाए हैं। सीबीआई को जांच सौंपने से पहले वो हमारी पकड में नहीं आ सकी। उन्होंने बताया कि यह एक अजीब केस है। इतनी संख्या में पीडित बच्चियों की दर्दभरी दास्तां सुनना अपनी गोद में लाश उठाने से भी ज्यादा वीभत्स है। साल 2003 में मुजफ्फरपुर के रेड लाइट एरिया में पुनर्वास के लिए वर्तमान एसपी ने अभियान शुरू किया था। उसी समय मधु ने कुछ महिलाओं को मुख्य धारा से जोडने के लिए वामा शक्ति वाहिनी नाम से संस्था की शुरुआत की।

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Web Title: Muzaffarpur shelter home case: accused Brajesh Thakur have planning to awards to Mystery Woman Madhu

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