मुजफ्फरपुर कांड: CBI जांच की हाईकोर्ट करेगा मॉनिटरिंग, नीतीश बोले- जो कुछ हुआ शर्मसार हूं

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 6, 2018 12:48 IST2018-08-06T12:48:14+5:302018-08-06T12:48:14+5:30

नीतीश कुमार ने आगे कहा कि शेल्टर होम की घटना बहुत शर्मनाक है। उन्होंने कहा- इस घटना से सबको बुरा लगा है, मेरी चुप्पी का गलत मतलब निकाला गया है। मामला संज्ञान में आने के बाद मैंने तुरंत एक्शन लिया है। 

Muzaffarpur Shelter case: High Court monitoring CBI inquiry, Nitish Kumar holds press conference | मुजफ्फरपुर कांड: CBI जांच की हाईकोर्ट करेगा मॉनिटरिंग, नीतीश बोले- जो कुछ हुआ शर्मसार हूं

मुजफ्फरपुर कांड: CBI जांच की हाईकोर्ट करेगा मॉनिटरिंग, नीतीश बोले- जो कुछ हुआ शर्मसार हूं

पटना, 6 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग पटना हाई कोर्ट करेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात को कहा। उन्होंने कहा, मुजफ्फरपुर कांड की जांच सीबीआई करेगी। मामले को लेकर गलत माहौल बनाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने सीबीआई और बिहार सरकार से मामले की जल्द रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। 

नीतीश कुमार ने आगे कहा कि शेल्टर होम की घटना बहुत शर्मनाक है। उन्होंने कहा- इस घटना से सबको बुरा लगा है, मेरी चुप्पी का गलत मतलब निकाला गया है। मामला संज्ञान में आने के बाद मैंने तुरंत एक्शन लिया है। 


बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि सभी जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया गया है कि राज्य में मौजूद चाइल्ड शेल्टर होम और महिला शेल्टर होम की जांच करें। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि शेल्टर होम में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जानी चाहिए।



 

नीतीश कुमार ने कहा, मैंने माना कि व्यवस्था में कुछ खामियां थी, लेकिन जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई भी करवाई। जो कह रहे हैं कि हमें पहले से मामले की जानकारी थी, उन्होंने हमें पहले क्यों नहीं बताया। अगर हम टीआईएसएस से जांच नहीं कराते तो यह अपराध इसी तरह चलता रहता। 

उन्होंने आगे कहा, शेल्टर होम के संचालन के हमें और ज्यादा लोगों की जरूरत है, शेल्टर होम को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए हमने चर्चा की है। बता दें कि सामाजिक कल्याण विभाग, पटना और टीआईएसएस से सारे दस्तावेज लेने के बाद सीबीआई की टीम आगे की जांच के लिए मुजफ्फरपुर पहुंची है। 

क्या था मामला

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था।

बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के चिकित्सकीय परीक्षण में उनके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह का मालिक बृजेश ठाकुर इस मामले में मुख्य आरोपी है। इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था। एक व्यक्ति फरार है। 

बिहार पुलिस ने 26 जुलाई को इन आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। राज्य सरकार ने 26 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी और बाद में सीबीआई ने इसकी जांच राज्य पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी।

यौन उत्पीड़न कांड का खुलासा होने के बाद से पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए संबंधित विभागों के परामर्श के साथ संस्थागत प्रणालियां विकसित करने को कहा है। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है क्योंकि समाज में सभी तरह के लोग रहते हैं और वे एक छोटा सा मौका मिलते ही गलत काम में शामिल हो सकते हैं।” 

कार्यक्रम में बिहार समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा भी मौजूद थीं जो मामले में अपने पति का नाम सामने आने के बाद से विवाद के केंद्र में हैं। संवाददाताओं ने जब वर्मा की टिप्पणी जाननी चाही तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और उनके अंगरक्षक ने मीडियाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की।



 

(भाषा इनपुट) 

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