20 साल 40 मर्डर:  जानें प्रेम प्रकाश सिंह से मुन्ना डॉन बजरंगी बनने तक की पूरी कहानी 

By पल्लवी कुमारी | Published: July 9, 2018 11:32 AM2018-07-09T11:32:05+5:302018-07-10T08:18:53+5:30

8 जुलाई को ही मुन्ना बजरंगी को झांसी जेल से बागपत जेल ट्रांसफर किया गया था। इसी रात उसकी हत्या कर दी गई थी।

Munna Bajrangi Shot dead baghpat: know all criminal history of Munna Bajrangi | 20 साल 40 मर्डर:  जानें प्रेम प्रकाश सिंह से मुन्ना डॉन बजरंगी बनने तक की पूरी कहानी 

20 साल 40 मर्डर:  जानें प्रेम प्रकाश सिंह से मुन्ना डॉन बजरंगी बनने तक की पूरी कहानी 

लखनऊ, 9 जुलाई: उत्तर प्रदेश की बागपत जिला जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इस घटना ने सीएम योगी के उत्तर प्रदेश के सुरक्षा दावों के पोल खोल दिए हैं। सीएम योगी ने इस मामले में जल्द से जल्द जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में बागपत जेल के जेलर और 2 वॉर्डन को भी निलंबित कर दिया गया है। बागपत जेल में ही बंद गैंगस्टर सुनील राठी के शूटरों पर वारदात का शक है। वहीं, हत्या की तफ्तीश के लिए बागपत जेल में एक जांच टीम भी पहुंच चुकी है। 

आइए जानें प्रेम प्रकाश सिंह ने डॉन बजरंगी बनने तक का सफर

मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। वह उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के निवासी है। 1967 में जिले के पूरेदयाल गांव में जन्मे मुन्ना बजरंगी ने पांचवीं के बाद ही अपनी पढ़ाई छोड़ थी। इसी वक्त से वह अपराध जगत में कदम रख चुका था। मुन्ना के अपराध की दलदल में फंसने की शुरुआत काफी छोटी उम्र में ही हो गई। 17 साल की उम्र में ही उसके खिलाफ जौनपुर के सुरेही थाने में पुलिस ने मारपीट और अवैध हथियार रखने के आरोप में पहला केस दर्ज किया था। 80 के दशक में मुन्ना को जौनपुर के एक स्थानीय माफिया गजराज सिंह का संरक्षण मिल गया।

1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक कारोबारी की हत्या की। गजराज के इशारे पर जौनपुर में बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह के मर्डर में भी मुन्ना की ही नाम सामने आया। इसके तो एक बाद एक एक बाद कई हत्याएं हई। 

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90 के दशक में मुन्ना बजरंगी ने पूर्वांचल के बाहुबली माफिया और राजनेता मुख्तार अंसारी के साथ हुआ। 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुख्तार ने मऊ से विधानसभा का चुनाव जीता। इसके बाद मुन्ना का सरकारी ठेकों में धांधली की। वह मुख्तार अंसारी के आरक्षण में जुर्म करता है। 

मुन्ना के लाइफ की सबसे बड़ी घटना साल 2005 के मोहम्मदाबाद से तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी विधायक कृष्णानंद राय और उनके छह साथ‌ियों को सरेआम गोलियों से भून दिया गया था। बताया जाता है कि तब हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं। पोस्टमार्टम के दौरान सातों के शरीर से कुल 67 गोलियां बरामद हुई थीं।

इन सब घटनाओं के बाद मुन्ना ने मुंबई में शरण ले ली। मुन्ना बजरंगी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा केस दर्ज हैं। 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिुस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड से गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के बाद बातें उड़ी कि मुन्ना ने एनकाउंटर का डर होने की वजह खुद की गिरफ्तारी करवाई है। मुन्ना ने एक बार दावा किया था कि अपने 20 साल के आपराधिक जीवन में उसने हत्या 40 हत्याएं की है। 

रविवार 8 जुलाई को ही मुन्ना बजरंगी को झांसी जेल से बागपत जेल ट्रांसफर किया गया था। सोमवार को बागपत में रेलवे से जुड़े एक मामले में कोर्ट में सुनावई होनी थी। इसी वजह से  रविवार की रात 9 बजे ही मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था। जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। 

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Web Title: Munna Bajrangi Shot dead baghpat: know all criminal history of Munna Bajrangi

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