मुंबई डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट ने तीनों महिला आरोपियों को दी जमानत, लेकिन रखी ये शर्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 9, 2019 05:32 PM2019-08-09T17:32:42+5:302019-08-09T17:32:42+5:30

निगम संचालित बी वाई एल नायर अस्पताल से जुड़ीं पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल के दूसरे वर्ष की छात्रा तडवी (26) ने 22 मई को खुदकुशी कर ली थी। वह आदिवासी समुदाय से आती थी।

Mumbai doctor Payal Tadvi suicide case All 3 doctors accused granted bail by Bombay HC | मुंबई डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट ने तीनों महिला आरोपियों को दी जमानत, लेकिन रखी ये शर्त

मुंबई डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट ने तीनों महिला आरोपियों को दी जमानत, लेकिन रखी ये शर्त

Highlights तीन आरोपी डॉक्टरों - हेमा आहुजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडलेवाल को 29 मई को गिरफ्तार किया गया था। तीनों वरिष्ठ डॉक्टर तडवी के बारे में आए दिन जातिसूचक टिप्पणी करती थीं और इसी कारण से उन्होंने खुदकुशी कर ली। 

पायल तडवी आत्महत्या केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी तीनों डॉक्टरों को जमानत दे दी है। हाईकोर्ट ने आरोपी भक्ति महरे, हेमा आहूजा और अंकिता खंडेलवाल को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और हर दूसरे दिन क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने की शर्त पर जमानत दी है। इन तीनों को नायर अस्पताल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। 

शेष अदालत के सामने 1800 पन्ने का आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इसमें छात्रावास में खुदकुशी करने से पहले तडवी द्वारा कथित तौर पर लिखे गए तीन पन्ने के सुसाइड नोट की एक प्रति भी है। तीन आरोपी डॉक्टरों - हेमा आहुजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडलेवाल को 29 मई को गिरफ्तार किया गया था। 

तीनों तब से न्यायिक हिरासत में जेल में थे। निगम संचालित बी वाई एल नायर अस्पताल से जुड़ीं पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल के दूसरे वर्ष की छात्रा तडवी (26) ने 22 मई को खुदकुशी कर ली थी। वह आदिवासी समुदाय से आती थी। उनके परिवारवालों ने आरोप लगाया था कि तीनों वरिष्ठ डॉक्टर तडवी के बारे में आए दिन जातिसूचक टिप्पणी करती थीं और इसी कारण से उन्होंने खुदकुशी कर ली। 

रैगिंग विरोधी समिति ने पाया कि पायल तडवी को परेशान किया गया : सूत्र

 टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी ने निष्कर्ष निकाला है कि पिछले महीने कथित तौर पर आत्महत्या करने वाली डा पायल तडवी को तीन आरोपी वरिष्ठों से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। 
 
नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई से बात करते हुए रैगिंग विरोधी समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमने कई लोगों, उसके दोस्तों और साथी छात्रों से पूछताछ की और उनके बयानों की पुष्टि की। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पायल को उसकी जाति और जनजाति के मामले में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था ।’’ समिति में मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारी, महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के प्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।

Web Title: Mumbai doctor Payal Tadvi suicide case All 3 doctors accused granted bail by Bombay HC

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