मुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, साल 2010 का है मामला, जानिए

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: October 27, 2023 17:11 IST2023-10-27T17:10:32+5:302023-10-27T17:11:40+5:30

गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने 26 अक्टूबर को मुख्तार को दोषी करार दिया था। साल 2009 में गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र के कपिलदेव की हत्या हुई थी। मुख्तार अंसारी की सहयोगी सोनी यादव को 5 साल की सजा और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

Mukhtar Ansari awarded 10 years imprisonment and a fine of Rs 5 lakh by Ghazipur MP/MLA court | मुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, साल 2010 का है मामला, जानिए

(फाइल फोटो)

Highlightsमुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजागाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है10 साल की सजा के साथ 5 लाख के जुर्माने की सजा भी मिली

लखनऊ: माफिया से राजनेता बने बाहुबली मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की  MP-MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। पूर्व विधायक को 10 साल की सजा के साथ 5 लाख के जुर्माने की सजा भी मिली है। 

मुख्तार अंसारी को 2010 में गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र में कपिल देव सिंह की हत्या के बाद उसके खिलाफ दर्ज एक गैंगस्टर मामले में ये सजा सुनाई गई। मुख्तार अंसारी की सहयोगी सोनी यादव को 5 साल की सजा और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। 

गाजीपुर की  MP-MLA कोर्ट ने 26 अक्टूबर को मुख्तार को दोषी करार दिया था। साल 2009 में गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र के कपिलदेव की हत्या हुई थी। एक अन्य मामले में मुख्तार के खिलाफ मीर हसन ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। 010 में दोनों मामलों को मिलाकर गैंगचार्ट बना था। मुख्तार पर गैंगस्टर का केस करंडा थाने में दर्ज हुआ था।

बता दें कि माफिया मुख्तार के खिलाफ इस समय कई मामले चल रहे हैं। हाल ही में प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने  मुख्तार अंसारी की जमीन, एक इमारत और बैंक खाता कुर्क कर ली, जिसकी कीमत 73.43 लाख रुपये हैं। कुर्क की गई संपत्तियों में गाजीपुर जिले के सदर तहसील के मौजा रजदेपुर देहाती में आराजी नंबर-604 पर स्थित 1,538 वर्ग फुट की जमीन और उस पर बनी एक व्यावसायिक इमारत, मऊ जिले के सदर तहसील में मौजा जहांगीराबाद परगना के आराजी संख्या-169 पर अवस्थित 6,020 वर्ग फुट का भूखंड शामिल थी।

मुख्तार को इलाहाबाद हाईकोर्ट भी गैंगस्टर अधिनियम से संबंधित 23 साल पुराने एक मामले में 5 साल की सजा सुना चुकी है। उच्च न्यायालय ने लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत द्वारा मामले में अंसारी को बरी किए जाने के फैसले को दिसंबर 2020 में पलट दिया था। इसके खिलाफ मुख्तार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उच्चतम न्यायालय ने मुख्तार अंसारी की अर्जी पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।

Web Title: Mukhtar Ansari awarded 10 years imprisonment and a fine of Rs 5 lakh by Ghazipur MP/MLA court

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