मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड में कई बड़े नामों का हो सकता है खुलासा, 19 साल की आरोपी युवती बताएगी सारी हकीकत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 27, 2019 11:12 IST2019-09-27T11:12:56+5:302019-09-27T11:12:56+5:30
Madhya Pradesh honeytrap ring: (मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामला) इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड में कई बड़े नामों का हो सकता है खुलासा, 19 साल की आरोपी युवती बताएगी सारी हकीकत
मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप (मोहपाश) गिरोह के गिरफ्तार छह आरोपियों में शामिल 19 वर्षीय युवती अब सरकारी गवाह बन गई है। जांच कर रही एसआईटी को इस बात की उम्मीद है कि 19 साल की आरोपी पूछताछ में इस केस में शामिल कई बड़े नामों का खुलासा कर सकती है। एसआईटी के ने 26 सितंबर को इस बात की जानकारी दी कि "मानव तस्करी की शिकार" हुई आरोपी महिला को हाई-प्रोफाइल मामले में सरकारी गवाह के तौर पर अदालत में पेश किया जायेगा। इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था।
आरोपी महिला के पिता ने मानव तस्करी का दर्ज कराया केस
गिरोह के जाल में राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों के फंसने का संदेह है। मामले में प्रदेश सरकार के गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की सदस्य और इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्र ने संवाददाताओं को बताया, "मोनिका यादव (19) के पिता ने मामले के आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया है। महाविद्यालय की यह छात्रा इस अपराध (मानव तस्करी) की शिकार हुई है। तय औपचारिकताएं पूरी करते हुए उसे सरकारी गवाह के रूप में अदालत में पेश किया जायेगा और उसके बयान दर्ज कराये जायेंगे।"
मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड में एक और आरोपी महिला पुलिस पूछताछ में कर सकती है खुलासा
मामले में मोनिका के अलावा एक अन्य आरोपी आरती दयाल (29) स्थानीय अदालत के आदेश पर पुलिस हिरासत में है। दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, जबकि चार अन्य आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं। एसएसपी ने विस्तृत जानकारी दिये बगैर कहा, "आरती पहले जांच में पुलिस का बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रही थी। लेकिन अब उसने घटनाक्रम में अपनी आपराधिक भूमिका को स्वीकार किया है और वारदात के तरीके के बारे में महत्वपूर्ण खुलासे किये हैं।" उन्होंने कहा कि आरती ने पुलिस को बताया है कि उसने करीब डेढ़ साल पहले भोपाल में रहना शुरू किया था। वह सूबे की राजधानी में सक्रिय हनी ट्रैप गिरोह के अन्य सदस्यों से "प्रभावित" होकर ब्लैकमेलिंग के इस गोरखधंधे में कथित तौर पर शामिल हुई थी।
मामले के औपचारिक खुलासे के हफ्ते भर बाद भी गिरोह के जाल में फंसे कथित रसूखदारों के नाम जाहिर न किये जाने के बारे में पूछे जाने पर एसएसपी ने कहा, "यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है। जब तक हमें संबंधित लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते, तब तक उनके नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता।"
पुलिस ने बताया इस तरह लड़कियां लोगों को करती थी ब्लैकमेलिंग
हनी ट्रैप गिरोह द्वारा महाविद्यालयों की युवतियों को वारदात में इस्तेमाल किये जाने की खबरों पर एसएसपी ने कहा, "गिरोह से कुछ युवतियां जुड़ी तो थीं। हालांकि, वारदात में इन युवतियों की भूमिका और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में हम जांच कर रहे हैं।" उन्होंने बताया, "भोपाल में बुधवार को देह व्यापार के एक गिरोह का खुलासा किया गया है। हो सकता है कि इस गिरोह की कुछ युवतियां हनी ट्रैप मामले से भी जुड़ी हों।"
एसएसपी ने यह भी बताया कि हनी ट्रैप मामले के आरोपियों से जुड़ी कुछ ऐसी निजी कम्पनियों और गैर सरकारी संगठनों को लेकर जांच जारी है, जिन्हें शासकीय ठेके दिये जाने की जानकारी मिली है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हनी ट्रैप गिरोह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने "शिकार" को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था। मामले के तार मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं।
(पीटीआई (भाषा) इनपुट के साथ)

