प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की हत्या, बम और गोलियों से किया गया था हमला
By शिवेंद्र राय | Published: February 24, 2023 08:44 PM2023-02-24T20:44:21+5:302023-02-24T20:45:48+5:30
उमेश पाल पर प्रयागराज में जानलेवा हमला धूमनगंज इलाके में हुआ। पुलिस के उच्च अधिकारी हमले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए। अब आसपास लगे सीसीटीवी खंगाल कर पुलिस हमलावरों की पहचान में जुटी है। बताया जा रहा है कि यह हमला तब हुआ जब विधायक राजू पाल की हत्या के केस में प्रमुख गवाह उमेश पाल अदालत से लौट रहे थे।
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के केस में प्रमुख गवाह उमेश पाल पर प्रयागराज में जानलेवा हमला किया गया। हमले में बुरी तरह घायल उमेश पाल को तुरंत ही स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के इकलौते गवाह थे। जानकारी के अनुसार उनके घर में घुस कर देसी बमों से हमला किया गया। उमेश पाल की सुरक्षा के लिए दो पुलिस कर्मी भी मुहैया कराए गए थे लेकिन इसके बावजूद हमलावर अपने मकसद में कामयाब रहे। हमले में एक सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।
बता दें कि राजू पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे जिनकी हत्या साल 2005 में कर दी गई थी। हत्या का आरोप बाहुबली नेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर लगा। इस बार भी उमेश यादव की हत्या के बाद अंगुली अतीक और उनके भाई की तरफ ही उठ रही है। उमेश पाल, राजू पाल की पत्नी पूजा पाल के रिश्तेदार थे। जब से वह इस केस में गवाह बने थे तब से उनको जान का खतरा था। इस संबंध में पूजा पाल ने भी उमेश पाल को जान के खतरे की आशंका जताई थी।
उमेश पाल पर प्रयागराज में जानलेवा हमला धूमनगंज इलाके में हुआ। पुलिस के उच्च अधिकारी हमले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए। अब आसपास लगे सीसीटीवी खंगाल कर पुलिस हमलावरों की पहचान में जुटी है। बताया जा रहा है कि यह हमला तब हुआ जब विधायक राजू पाल की हत्या के केस में प्रमुख गवाह उमेश पाल अदालत से लौट रहे थे। जैसे ही उमेश पाल अपने घर पहुंचे उन पर बमों और गोलियों की बौछार हो गई।
बता दें कि अतीक अहमद के परिवार और राजू पाल के परिवार के बीच ये रंजिश साल 2004 से ही चली आ रही है। 2004 में हुए एक उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हरा दिया था। अशरफ सपा से उम्मीदवार थे जबकि राजू पाल बसपा से। 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या की गई। राजू पाल पर हमले के दौरान देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी।