Maharashtra Ki Taja Khabar: कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को निर्देश, कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया तेज की जाए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 24, 2020 14:12 IST2020-04-24T14:12:34+5:302020-04-24T14:12:34+5:30

अदालत को सूचित किया गया कि करीब 11,000 कैदियों को 45 दिन के लिए आपातकालीन पैरोल पर रिहा किया जाना है।

Maharashtra Ki Taja Khabar Court directs Maharashtra government, speed up the process of releasing prisoners | Maharashtra Ki Taja Khabar: कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को निर्देश, कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया तेज की जाए

Maharashtra Ki Taja Khabar: कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को निर्देश, कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया तेज की जाए

Highlightsअदालत ने इस पत्र का स्वत: संज्ञान लिया। अभी तक राज्य की किसी जेल में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन कैदियों एवं विचाराधीन कैदियों को रिहाई की प्रक्रिया तेज करें जिन्हें कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर अंतरिम जमानत या पैरोल पर अस्थायी रूप से रिहा करने के लिए चिह्नित किया गया है।

लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी को बृहस्पतिवार को सूचित किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने सात साल तक की सजा पाने वाले कैदियों और उन विचाराधीन कैदियों को अस्थायी रूप से रिहा करने का फैसला किया है जिनके अपराध साबित होने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

अदालत को सूचित किया गया कि करीब 11,000 कैदियों को 45 दिन के लिए आपातकालीन पैरोल पर रिहा किया जाना है। ठाकरे ने अदालत को बताया कि अभी तक 4,060 कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर अस्थायी रूप से रिहा किया जा चुका है और शेष कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य की किसी जेल में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसके बाद, न्यायमूर्ति कुलकर्णी ने कहा कि राज्य सरकार (कैदियों की रिहाई के लिए) उठाए जा रहे कदमों को तेज करे ताकि न्यायालय के आदेश को शब्दश: लागू किया जा सके।

वकील एस बी तालेकर ने पत्र लिखकर यह मामला उठाया था कि कोविड-19 के बीच न्यायालय के आदेश के बावजूद राज्य की जेलों से कैदियों/विचाराधीन कैदियों को रिहा नहीं किया गया है। अदालत ने इस पत्र का स्वत: संज्ञान लिया।

उच्चतम न्यायालय ने 23 मार्च को अपने आदेश में कहा था कि राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश उच्चस्तरीय समिति गठित करेंगे जो ऐसे कैदियों की श्रेणी तय करेगी जिन्हें एक उचित अवधि के लिये पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

Web Title: Maharashtra Ki Taja Khabar Court directs Maharashtra government, speed up the process of releasing prisoners

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