बेटे के उत्पीड़न से व्यथित महिला ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला और सीएम गहलोत से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी, दो पुलिसकर्मियों भी दे रहे साथ, जानें मामला
By भाषा | Updated: December 31, 2022 22:13 IST2022-12-31T22:11:12+5:302022-12-31T22:13:33+5:30
चालीस वर्षीय कंवलजीत मीणा ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे भरत मीणा (24) को रेलवे कॉलोनी थाने के शिवराज गोस्वामी और अशोक सिंह के रूप में पहचाने जाने वाले दो पुलिसकर्मियों द्वारा परेशान किया जा रहा है।

महिला ने अपने ज्ञापन में कहा कि उनके बेटे को 2018 में हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसे इस साल जून में एक अदालत ने बरी कर दिया था।
कोटाः दो पुलिसकर्मियों द्वारा अपने बेटे का कथित उत्पीड़न किए जाने से व्यथित यहां की एक महिला ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है।
चालीस वर्षीय कंवलजीत मीणा ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे भरत मीणा (24) को रेलवे कॉलोनी थाने के शिवराज गोस्वामी और अशोक सिंह के रूप में पहचाने जाने वाले दो पुलिसकर्मियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। महिला ने दावा किया कि वह बुधवार को कोटा-बूंदी निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बिरला से उनके कैंप कार्यालय में मिलीं और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने कहा कि बिरला ने उनकी पीड़ा के बारे में सुनने के बाद निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। कंवलजीत ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। महिला ने अपने ज्ञापन में कहा कि उनके बेटे को 2018 में हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसे इस साल जून में एक अदालत ने बरी कर दिया था।
कंवलजीत ने कहा कि इसके बाद भरत ने कोटा जंक्शन के कैलाशपुरी में चाय की दुकान खोली। उन्होंने आरोप लगाया कि गोस्वामी और सिंह उनके बेटे को जेल से उसके रिहा होने के बाद से परेशान कर रहे हैं और उसे अवैध हथियार रखने के आरोप में फंसाने की धमकी दे रहे हैं।
ज्ञापन के अनुसार, पुलिसवाले अकसर पूछताछ के बहाने महिला के घर में घुस जाते हैं और उससे तथा उसके बेटे के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। कंवलजीत के मुताबिक, दोनों पुलिसकर्मियों ने कुछ दिन पहले भरत को एक युवक को पीटने के मामले में भी झूठा फंसाया। महिला ने कहा कि सोशल मीडिया पर आए इस घटना के वीडियो में उनका बेटा कहीं नहीं दिख रहा।
इसके बाद 10 दिन पहले भरत भूमिगत हो गया। वहीं, रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र के अंचल अधिकारी डीएसपी शंकर लाल ने महिला के बेटे भरत को प्रताड़ित करने और पुलिसकर्मियों के उसके घर में बेवजह घुसने के आरोप को खारिज किया। उन्होंने कहा कि भरत पर एक मामले में एक युवक को पीटने और हमला करने का आरोप है तथा पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने बुलाने उसके घर गई थी।
डीएसपी ने दावा किया कि महिला हत्या के मामले में अपने बेटे को बरी करने का अदालत का आदेश पेश नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि भरत के खिलाफ रेलवे कॉलोनी और भीमगंजमंडी थानों में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कम से कम 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं।