कठुआ गैंगरेप: आरोपियों की गिरफ्तारी का विरोध करने वालों में कांग्रेसी नेता भी शामिल, गुलाम नबी आजाद ने दी सफाई
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 13, 2018 02:51 PM2018-04-13T14:51:36+5:302018-04-13T14:52:19+5:30
कठुआ गैंगरेप मामले में दो नाबालिगों समेत आठ लोग आरोपी बनाए गये हैं। आरोपियों में एक मंदिर का पुजारी और चार पुलिसवाले भी शामिल हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने दिल्ली के इंडिया गेट पर कठुआ और उन्नाव गैंगरेप की पीड़िताओं को इंसाफ दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाला जबकि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के आठ आरोपियों के गिरफ्तारी के खिलाफ जम्मू बंद आयोजिक करने में एक स्थानीय कांग्रेसी नेता की प्रमुख भूमिका बतायी जा रही है। द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ बंद का आह्वान करने में जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएस सलाथिया ने अहम भूमिका निभायी थी। सलाथिया कांग्रेस के नेता हैं और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के इलेक्शन एजेंट भी रह चुके हैं।
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इस मामले पर घिरते देख गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से कहा कि सलाथिया पहले सेकुलर थे लेकिन अबी बीेजपी के प्रभाव में आकर सांप्रदायिक हो गये हैं। गुलाम नबी आजाद ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हाँ वो (बीएस स्लाठिया) मेरे पोलिंग एजेंट थे और लाल सिंह (जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता) भी पहले कांग्रेस में थे, वो दोनों सेकुलर थे लेकिन बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर का माहौल इस कदर बिगाड़ दिया कि अब वो सांप्रदायिक हो चुके हैं।"
Yes he(Jammu Bar Association chief BS Slathia) was my polling agent, and also Lal Singh(BJP J&K minister) was in Congress, they were secular then but BJP has vitiated the atmosphere so badly in J&K that these individuals have now turned communal: Ghulam Nabi Azad, Congress pic.twitter.com/GT7HqFaG7m
— ANI (@ANI) April 13, 2018
कठुआ में एक आठ वर्षीय लड़की का 10 जनवरी 2018 को अपहरण करके एक स्थानीय मंदिर में बंधक बनाकर सामूहिक बलात्कार किया जाता रहा। सामूहिक बलात्कार के बाद लड़की की 13 जनवरी 2018 को हत्या कर दी गयी। पुलिस को 17 जनवरी 2018 को लड़की का शव मिला। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामले में एक मंदिर के पुजारी और चार पुलिसवालों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया। बार एसोसिएशन ने आठों आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ बुधवार (11 अप्रैल) को जम्मू बंद का आह्वान किया था। बंद का आह्वान करने वालों का आरोप है कि डोगरा समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। बीएस सलाथिया ने मीडिया से कहा था कि वो मामले की सीबीआई से जाँच चाहते हैं क्योंकि उन्हें राज्य की राज्य पुलिस की अपराध शाखा पर भरोसा नहीं है।
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सलाथिया जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट हैं। साल 2014 के लोक सभा चुनाव में गुलाम नबी आजाद उधमपुर-डोडा संसदीय सीट से चुनाव लड़े थे। सलाथिया आजाद के चीफ इलेक्शन एजेंट थे। आजाद चुनाव में बीजेपी के जीतेंद्र सिंह से 60 हजार वोटों से हार गये थे। द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार सलाथिया ने साल 2008 में हुए अमरनाथ यात्रा भूमि विवाद में भी सक्रिय भूमिका निभायी थी।