कठुआ गैंगरेप पीड़िता की पहचान जाहिर करने वाले मीडिया हाउसों पर 10 लाख जुर्माना: हाईकोर्ट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 18, 2018 02:39 PM2018-04-18T14:39:17+5:302018-04-18T14:39:38+5:30
कठुआ गैंगरेप के विक्टिम का नाम कई मीडिया संस्थानों ने जाहिर कर दिया था। कुछ संस्थानों ने पीड़िता की तस्वीर भी प्रकाशित की थी। सोशल मीडिया में भी पीड़िता का नाम और तस्वीर काफी शेयर की गयी।
कठुआ गैंगरेप मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पीड़िता की पहचान जाहिर करने वाले मीडिया हाउसों को 10 लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि इन मीडिया हाउस द्वारा दिया गया पैसा जम्मू-कश्मीर पीड़ित क्षतिपूर्ति फंड में ट्रांसफर किया जाएगा। अदालत ने बलात्कार पीड़िताओं की पहचान उजागर करने वाले मीडिया वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि बलात्कार पीड़िताओं की पहचान जाहिर करने वाले किसी भी व्यक्ति को छह महीने तक जेल की सजा हो सकती है। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख दी है।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 10 जनवरी को एक आठ वर्षीय बच्ची का अपहरण हो गया था। 17 जनवरी को बच्ची का शव मिला। पुलिस द्वारा सीजेएम अदालत में दायर आरोपपत्र के अनुसार पीड़िता के संग सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके बाद उसकी पत्थर पर पटककर हत्या की गयी। पुलिस ने एक मंदिर के पुजारी, चार पुलिसवालों समेत आठ लोगों को मामले में अभियुक्त बनाया है।
पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर मामले को जम्मू-कश्मीर से बाहर चण्डीगढ़ ट्रांसफर करने की अपील की है। पीड़िता के पिता के अनुसार उनकी सुरक्षा को जम्मू-कश्मीर में खतरा है। पीड़िता की वकील दीपिका सिंह राजवंत ने भी धमकी मिलने की शिकायत की है। मामले की जांच करने वाली पुलिस अफसर श्वेताम्बरी शर्मा ने भी मीडिया से कहा कि मामले की जाँच के दौरान उन पर काफी दबाव था।
जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल बीजेपी के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आने के बाद इस्तीफा दे दिया था। मीडिया में पीएम मोदी की आलोचना हो रही थी कि वो कठुआ और उन्नाव गैंगरेप जैसे मुद्दों पर चुप हैं। जिसके बाद पीएम मोदी ने एक कार्यक्र में कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।