कठुआ गैंगरेप केस: नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने कस्टडी में भेजा, 7 मई को मामले की सुनवाई
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 25, 2018 01:04 PM2018-04-25T13:04:54+5:302018-04-25T13:04:54+5:30
कठुआ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक बड़ा फैसला लिया। कठुआ कांड के मुख्य आरोपी नाबालिग को कोर्ट ने कस्टडी में भेज दिया है।
नई दिल्ली, 25 अप्रैल: जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए रेप के बाद हत्या मामले में गिरफ्तार हुए नाबालिग को लेकर कठुआ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक बड़ा फैसला लिया। कठुआ कांड के मुख्य आरोपी नाबालिग को कोर्ट ने कस्टडी में भेज दिया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी को कस्टडी में भेज दिया है। मामले की सुनवाई अब 7 मई को होगी। इससे पहले मंगलवार को मासूम बच्ची से साथ हुए गैंगरेप और हत्या के मामले में अदालत ने नाबालिग आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। खबर के मुताबिक नाबालिक की जमानत की याचिका दायर की गई थी।
#KathuaCase: Juvenile accused in Kathua Chief Judicial Magistrate Court. Next date of hearing in the case is May 7 pic.twitter.com/q43IRGmJxB
— ANI (@ANI) April 25, 2018
वहीं, इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा था कि वो इस मामले में जल्द ही पूरक आरोप पत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) दाखिल करेगी। कोर्ट की ओर से कहा गया है ये एक हत्या भी है ऐसे में नाबालिक के ऊपर सारे केस चलेंगे। कोर्ट के मुताबिक किशोर न्याय अधिनियम की धारा 13 के तहत में माना जाना चाहिए। नाबालिग आरोपी के वकील ने अपराध शाखा द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद शीघ्र ही जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
सीबीआई ने ने कठुआ की अदालत में नौ अप्रैल को मामले के आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अगले दिन पुलिस ने एक अन्य आरोपी के खिलाफ अलग से आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसे पहले नाबालिग बताया जा रहा था। जिस पर कोर्ट ने जमानत से मनाही कर दी है।
जनवरी में कठुआ में आठ साल की बच्ची से गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। बलात्कार और हत्या मामले को लेकर अप्रैल में चार्जशीट दाखिल किया गया। इस चार्जशीट में सांझी राम, दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा, प्रवेश कुमार (मन्नू), सांझी राम के भतीजे, विशाल जंगोत्रा और एक नाबालिग को अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्तों में एक मंदिर का पुजारी और चार पुलिसवाले भी शामिल हैं।
चार्जशीट के मुताबिक बच्ची के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। मारने के बाद भी आरोपियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि मासूम मर जाए, उसके सिर पर पत्थर से कई वार किए और बाद में जांच के दौरान सांजीराम ने पुलिसकर्मियों को मामला दबाने के लिए 1.5 लाख रुपये की रिश्वत भी दी।