झारखंडः महिला ने सीएम को चिट्ठी भेजकर लगाई गुहार, लिखा- 'कभी मालिक तो कभी साहेब नोचते हैं, बचाइए ना हमें!'
By एस पी सिन्हा | Published: October 9, 2018 12:55 AM2018-10-09T00:55:17+5:302018-10-09T00:55:17+5:30
चिट्ठी में लिखा गया है कि यहां अवैध क्रसर चलानेवाले लोग आदिवासी महिलाओं के साथ यौन शोषण करते हैं। 'रोज ही लुटती है हमारी इज्जत, कभी मालिक तो कभी साहेब नोचते हैं, बचाइए ना हमें।'
रांची, 9 अक्टूबर: झारखंड के बोकारो में काम करनेवाली एक महिला ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को चिट्ठी लिखकर कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन होने की बात कही है। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद हर कोई सकते में है। बोकारो पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई है क्योंकि यह चिट्ठी मुख्यमंत्री जनसंवाद में पहुंचा गया है। मामला गोमिया के आईएल थाना क्षेत्र के करमाटांड का है।
चिट्ठी में लिखा गया है कि यहां अवैध क्रसर चलानेवाले लोग आदिवासी महिलाओं के साथ यौन शोषण करते हैं। 'रोज ही लुटती है हमारी इज्जत, कभी मालिक तो कभी साहेब नोचते हैं, बचाइए ना हमें।' चिट्ठी के माध्यम से यह गुहार है उन बेटियों ने लगाई जिन्हें बचाने, पढाने और बढाने की बात सरकार रही है।
चिट्ठी में लिखा है कि 'हम मजबूर है, हम गरीब हैं और मजबूरन हमें न चाह कर भी यहां काम करना पडता है। कभी मालिक तो कभी थाना और ब्लॉक के साहेब लोग हमारी इज्जत लूटते हैं। हमें अपनी हवस का शिकार बनाते हैं और आवाज उठाने पर हमें मौत दे दी जाती है। आखिर हम करें तो क्या करें।'
चिठ्ठी लिखने वाली ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि इस अवैध क्रशर मशीन में काम करनेवाली महिलाओं को बचाया जाए। ये महिलाएं क्रशर मालिक के हवस का शिकार बन रही हैं और विरोध करने पर इन्हें जान से हाथ धोना पडता है। इस चिठ्ठी में कुछ लोगों के नाम का भी जिक्र है। विरोध करनेवालों को जान से मारने का भी आरोप इस चिठ्ठी में है लगाया गया है।
चिठ्ठी में एक घटना का भी जिक्र किया गया है। जिसमें बताया गया है कि दो महीने पहले यहां काम करने वाली एक महिला के भाई ने क्रशर मालिक का विरोध किया तो उसे मारकर फेंकवा दिया गया और फिर लाश सड जाने के बाद पुलिस से साठगांठ करके उसे गुमनाम लाश बना दिया गया।
वहीं, गुमनाम चिठ्ठी में बताया गया है कि अवैध क्रसर मशीन रात को चलतें हैं ताकि यहां काम करने वाली महिलाओं को हवस का शिकार बनाया जा सकें। इस गुमनाम चिठी के बाद गांव के लोग डरे हुए है। मामले में पूर्व मुखिया का कहना है कि ऐसे लोगों पर कारवाई होनी चाहिए। इनकी रक्षा के लिए हर रोज नए-नए कानून बन रहे हैं। लेकिन सारे कानून को धता बताकर आज भी दरिंदे इन्हें अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं।
यह गुहार क्रसर में काम करने वाली गरीब आदिवासी महिलाओं की है। जिन्होंने सीएम को लिखे एक गुमनाम चिट्ठी में अपना दर्द बयान किया है। वहीं बोकारो एसपी ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर ठोस कारवाई की जाएगी।