झारखंड में युवतियों की इज्जत पर सवाल, नाते-रिश्तेदार ने तोड़ा भरोसा, 88 फीसदी रेप आरोपी जान-पहचान वाले, 1555 घटनाएं दर्ज

By एस पी सिन्हा | Updated: December 24, 2020 17:18 IST2020-12-24T17:17:28+5:302020-12-24T17:18:32+5:30

झारखंड में लड़कियों से सबसे अधिक खतरा नाते-रिश्तेदार से हैं. गांवों- कस्बों से लेकर राजधानी रांची में स्कूल-कॉलेज की लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या के खौफ़नाक मामले लगातार सामने आ रहे हैं. 

Jharkhand rape gangrape and murder incidents young women 1555 rape kin broke 88 percent of rape accused are known | झारखंड में युवतियों की इज्जत पर सवाल, नाते-रिश्तेदार ने तोड़ा भरोसा, 88 फीसदी रेप आरोपी जान-पहचान वाले, 1555 घटनाएं दर्ज

वर्ष 2016 में 1146, वर्ष 2017 में 1357 और वर्ष 2018 में 1478 दुष्कर्म के मामले दर्ज किये गये हैं.

Highlights2020 में जनवरी से नवंबर तक दुष्कर्म की 1555 घटनाएं पुलिस थानों में दर्ज हुई हैं.18 वर्ष से ज्यादा उम्र की 648 पीड़िता हैं, जबकि 432 की उम्र 18 वर्ष से कम है.अनुसूचित जाति से 267 व अनुसूचित जनजाति से 412 पीड़िता हैं.

रांचीः झारखंड में युवतियों-महिलाओं को अपने जान-पहचान वालों से ही ज्यादा खतरा है. वह अपने परिचितों के द्वारा यौन शोषण का शिकार होने को मजबूर हो रही हैं.

यह बात सामने आई है कि इस वर्ष जितनी भी दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं, उसमें से 88 फीसदी घटनाओं का अंजाम जान-पहचान वालों के द्वारा ही दिया गया है. झारखंड के डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर पीड़िताओं व आरोपियों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सीआइडी के तैयार डाटाबेस से इसका खुलासा हुआ है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक दुष्कर्म की 1555 घटनाएं पुलिस थानों में दर्ज हुई हैं. इसमें 88 फीसदी (1041) मामले में आरोपी पीड़िता के जान-पहचान वाले ही निकले हैं. वर्ष 2020 में दुष्कर्म की 565 घटनाएं पीड़िता के घर पर व 137 घटनाएं आरोपी के घर पर हुई है. जबकि 95 घटनाएं मवेशी चराने, लकड़ी चुनने, खेती करने या सब्जी बिक्री के लिए जाने के दौरान घटित हुई है.

14 घटनाएं वहां पर हुई हैं, जहां पीड़िता काम करती थी. इससे पहले वर्ष 2016 में 1146, वर्ष 2017 में 1357 और वर्ष 2018 में 1478 दुष्कर्म के मामले दर्ज किये गये हैं. लोक लाज और आरोपियों के डराने-धमकाने की वजह से कई मामले थानों तक नहीं पहुंच पाते हैं. डाटाबेस से पता चलता है कि इस वर्ष 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की 648 पीड़िता हैं, जबकि 432 की उम्र 18 वर्ष से कम है.

अनुसूचित जाति से 267 व अनुसूचित जनजाति से 412 पीड़िता हैं

अनुसूचित जाति से 267 व अनुसूचित जनजाति से 412 पीड़िता हैं. वहीं, 584 अन्य श्रेणी से आती हैं. दुष्कर्म की सर्वाधिक 197 घटनाएं दोपहर दो बजे से रात के 10 बजे तक हुई हैं. सुबह छह बजे से दिन के दो बजे तक 170 और रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक 46 दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं.

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2019 के मुकाबले 2020 में दुष्कर्म की वारदात में कमी आई है. 2019 में जनवरी से नवंबर तक 1693 घटनाएं हुई थीं. जबकि, इसी अवधि में 2020 में 1555 घटनाएं सामने आई हैं. इसमें 1000 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं, 896 मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है. 82 मामले में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है.

565 दुष्कर्म पीड़िताओं का ताल्लुक गरीब परिवार से

आंकडों के अनुसार 565 दुष्कर्म पीड़िताओं का ताल्लुक गरीब परिवार से है. जबकि, मध्यमवर्गीय परिवार की 545 और अमीर परिवार की सिर्फ एक पीड़िता है. आरोपियों में 716 मध्यमवर्गीय परिवार से, 325 गरीब परिवार से व 28 अमीर परिवार से संबंध रखते हैं.

पीड़िता में मैट्रिक से नीचे पढ़ाई करनेवाली 494, मैट्रिक पास 283, अशिक्षित 247 व स्नातक पास 39 हैं. 102 दुष्कर्म पीड़िता के आरोपी उसके परिवार के सदस्य थे. जबकि 45 घटनाओं में शामिल आरोपी अनजान थे.

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