झारखंड: 7 साल में सुलझा मर्डर केस, भेद खुला तो सभी रह गये भौंचक, सास और दामाद के बीच बने अवैध संबंध की वजह से गई नन्ही परी की जान

By एस पी सिन्हा | Published: May 12, 2020 07:03 PM2020-05-12T19:03:48+5:302020-05-12T19:03:48+5:30

हत्या की वजहों का खुलासा करते हुए डोरंडा पुलिस ने बताया कि शहजादी का उसके ही बहन के दामाद के साथ अवैध संबंध था. एक दिन बच्ची ने दोनों संबंध बनाते देख लिया था.

Jharkhand: Murder case solved in 7 years illegal relationship between the left-hander, mother-in-law and son-in-law, the life of a little angel was lost | झारखंड: 7 साल में सुलझा मर्डर केस, भेद खुला तो सभी रह गये भौंचक, सास और दामाद के बीच बने अवैध संबंध की वजह से गई नन्ही परी की जान

झारखंड: 7 साल में सुलझा मर्डर केस, भेद खुला तो सभी रह गये भौंचक, सास और दामाद के बीच बने अवैध संबंध की वजह से गई नन्ही परी की जान

Highlightsइस मामले में काफी समय गंवाया जा चुका है. अब मात्र पांच फीसदी ही संभावना है कि दोषियों को सजा मिलेगी. जांच में देरी होने की वजह से पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी.

रांची:झारखंड की राजधानी रांची में एक हत्या के मामले में अजीबो-गरीब खुलासा होने के बाद सभी सन्न रह गये हैं. इस घटना का पर्दाफाश करने में पुलिस को सात साल लग गये. लेकिन साथ साल में जब पुलिस ने उद्भेदन किया तो सभी चकित रह गये. पहले तो किसी ने विश्वास ही नही किया, लेकिन जब रांची की डोरंडा थाना पुलिस ने बहुचर्चित नन्ही परी हत्याकांड का खुलासा करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा तो सभी के दिमाग चकरा गये. गिरफ्तार आरोपियों में बच्ची की मामी शहजादी खातुन और उसकी बहन का दामाद मोहम्मद शाहिद अख्तर शामिल है.

बताया जाता है कि हत्या की वजहों का खुलासा करते हुए डोरंडा पुलिस ने बताया कि शहजादी का उसके ही बहन के दामाद के साथ अवैध संबंध था. एक दिन बच्ची ने दोनों संबंध बनाते देख लिया था. शहजादी को डर था कि उनके संबंध का भेद ना खुल जाए. इसलिए शहजादी ने शाहिद से कहकर बच्ची की हत्या करवा दी और रात के अंधेरे में बच्ची के शव को घर के पास स्थित एक निर्माणाधीन मकान में फेंक दिया था. 

डोरंडा के दर्जी मोहल्ले में बच्ची की निर्मम हत्या कर शव फेंकने के मामले में हत्यारे को पकडने रांची पुलिस को सात साल लग गए. आरोपितों की ब्रेन मैपिंग, वैज्ञानिक अनुसंधान व मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही दोनो की गिरफ्तारी हुई. पुलिस ने दोनों ही आरोपितों शहजादी खातुन व मोहम्मद शाहिद अख्तर को न्यायिक दंडाधिकारी परमानंद उपाध्याय की अदालत में प्रस्तुत किया. यहां से दोनों को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

पुलिस ने अपने जांच प्रतिवेदन में यह बताया है कि 23 अप्रैल 2013 को जिस कमरे में शहजादी और शाहिद संबंध बना रहे थे, उसी बीच बच्ची पहुंच गई. बच्ची ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था. इसके बाद दोनों डर गया कि कहीं उनका भेद न खुल जाये. शहजादी के ही कहने पर शाहीद ने बच्ची को पकड लिया और उसकी हत्या कर दी. 23 अप्रैल 2013 को खेलने के क्रम में छह साल ही मासूम परी लापता हो गई थी. 

23 अप्रैल 2013 की रात को ही अंधेरे में शहजादी के घर से ही शव को लेकर दोनों बच्ची के घर के सामने निर्माणाधीन मकान में पहुंचे और शव फेंककर चले गए. दूसरे दिन यानी 24 अप्रैल 2013 को उसकी लाश उसके घर के सामने स्थित निर्माणाधीन मकान में मिली थी. उसके हाथ, चेहरे, कान और शरीर पर गहरे चोट के निशान भी मिले थे. डोरंडा थाने में दुष्कर्म व हत्या के मामले में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रोम सेक्सुअल अफेंसेज (पोक्सो) एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ. घटना के बाद डॉग स्क्वायड, एफएसएल की मदद भी ली गई थी.

बच्ची की हत्या कर शव फेके जाने के मामले में हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई का आदेश दिया था. 2019 में झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह के खंडपीठ ने पुलिसिया जांच में लेटलतीफी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि छह साल बाद भी घटना की जांच की बात कहना दुखद है. अभी तक इस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं होना भी शर्मनाक है. पुलिस ने इस केस का भट्ठा बैठा दिया. इस मामले में काफी समय गंवाया जा चुका है. अब मात्र पांच फीसदी ही संभावना है कि दोषियों को सजा मिलेगी. जांच में देरी होने की वजह से पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी.

हंगामा होने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में शक के आधार पर कुरैशी मोहल्ला निवासी सद्दाम कुरैशी को जेल भेजा था. बाद में वह जमानत पर छूट गया था. रांची पुलिस ने दोनों ही आरोपितों के नार्को टेस्ट के लिए एक जनवरी 2019 को अदालत में आवेदन दिया था. एक जून को अदालत से अनुमति के बाद गुजरात में दोनों का ब्रेन मैपिंग हुआ. इसमें टेस्ट पॉजिटिव निकला. वहां से इंडिकेशन मिलने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया. वहीं जांच के खुलासे में मोबाइल लोकेशन भी मददगार साबित हुआ.

Web Title: Jharkhand: Murder case solved in 7 years illegal relationship between the left-hander, mother-in-law and son-in-law, the life of a little angel was lost

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