साइबर क्राइम का मुख्यालय बना जामताड़ा, अमेरिका तक पहुंचा अपराधियों का खौफ, अनपढ़ लोगों के फ्रॉड पर करेगा रिसर्च
By एस पी सिन्हा | Published: January 11, 2021 07:33 PM2021-01-11T19:33:57+5:302021-01-11T19:35:31+5:30
झारखंड के जामताडा जिले में साइबर अपराध का पहला कांड करमाटांड़ थाना में 2013 में दर्ज किया गया था. साइबर अपराधियों ने सबसे पहले ऑफर के नाम पर ठगी शुरू की.
रांचीः झारखंड के जामताड़ा जिले का नाम सुनते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं. यहां साइबर अपराधियों के आगे सभी लोग बौने साबित होने लगे हैं.
हाल यह है कि आईआईटी कर आइटी क्षेत्र में जितनी महारत हासिल नही कर पाते होंगे, उससे ज्यादा यहां अंगूठा छाप कमाल दिखा दे रहे हैं. अब ऐसे लोगों पर रिसर्च करने विश्व का सबसे शक्तिशाली माना जानेवाला देश यूएसए (संयुक्त राज्य अमेरिका) दिलचस्पी दिखाई है. यहां उल्लेखनीय है कि जामताड़ा जिले में अनपढ़ आदमी आइटी के इस्तेमाल में महारत हासिल कर लाखों की कमाई करने लगे हैं.
वह भी कमाई का जरिया साइबर अपराध के रूप में है. जामताड़ा के साइबर अपराधियों पर यूएसए की टेक्निकल टीम रिसर्च करेगी कि कैसे कम पढे़-लिखे या अनपढ़ लोग टेक्नोलॉजी के मामले में इतने एक्सपर्ट हैं. इस संदर्भ में जामताड़ा एसपी दीपक कुमार सिन्हा को भी अधिकारिक सूचना मिली है और सहयोग के लिए कहा गया है.
यहां के साइबर अपराधियों में अधिकांश अशिक्षित हैं. दरअसल, साइबर अपराध के लिए जामताड़ा चर्चित हो चुका है. जैसे ही किसी साइबर अपराध की खबर सामने आती है लोगों के मन में जामताड़ा की तस्वीर उभर आती है.
जामताड़ा के साइबर अपराधियों को लेकर कई वेब सीरीज भी बन चुकी हैं. भारत का शायद ही कोई ऐसा राज्य या जिला होगा, जो इन अपराधियों से अछूता है. हाल यह है कि अन्य राज्य की पुलिस का जामताड़ा जिला में आना तो अब रूटीन जैसा हो गया है.
इस संबंध में जामताड़ा के एसपी दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर डीजीपी रैंक के अधिकारियों के साथ आंतरिक सुरक्षा को लेकर आयोजित बैठक में इस बार साइबर अपराध का मुद्दा सूची में टॉप पर था. जिस पर कंट्रोल करने को लेकर व्यापक चर्चा की गई थी.
इसी चर्चा के दौरान अमेरिका की रिसर्च टीम की ओर से इन साइबर अपराधियों पर रिसर्च किए जाने की बात सामने आई. इस बात की जानकारी उनको भी दी गई है और टीम के आने पर सहयोग करने की बात कही गई है. इसतरह से जामताड़ा के अनपढ़ों पर अमेरिका के लोग भी अध्ययन करेंगे कि आखिर ये इस मामले में इतना पारंगत कैसे हो गये?