जम्मू-कश्मीरः 32 सालों में आतंकवादियों ने की 1200 नेताओं की हत्या, 1 हफ्ते में 3 सरपंचों की हत्या से राजनीतिज्ञों में दहशत

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: March 12, 2022 11:32 IST2022-03-12T11:28:09+5:302022-03-12T11:32:49+5:30

 घाटी में आतंकवाद की शुरूआत से ही राजनेता आतंकियों की हिट लिस्ट में रहे हैं। यह इसी से स्पष्ट होता है कि पिछले 32 सालों में आतंकियों ने 1200 के करीब राजनीति से सीधे जुड़े हुए नेताओं की हत्या कर चुके हैं।

Jammu Kashmir Panic among leaders due to terrorist attacks killing of 3 sarpanches in one week | जम्मू-कश्मीरः 32 सालों में आतंकवादियों ने की 1200 नेताओं की हत्या, 1 हफ्ते में 3 सरपंचों की हत्या से राजनीतिज्ञों में दहशत

जम्मू-कश्मीरः 32 सालों में आतंकवादियों ने की 1200 नेताओं की हत्या, 1 हफ्ते में 3 सरपंचों की हत्या से राजनीतिज्ञों में दहशत

Highlights घाटी में आतंकवाद की शुरूआत से ही राजनेता आतंकियों की हिट लिस्ट में रहे हैं32 सालों में आतंकियों ने 1200 के करीब राजनीति से सीधे जुड़े हुए नेताओं की हत्या की है

जम्मूः आतंकवादियों द्वारा एक सप्ताह में 3 पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या के बाद कश्मीर के राजनीतिज्ञों में दहशत का माहौल है। हालांकि यह नया नहीं है। बल्कि पिछले 32 सालों से वे आतंकियों के प्रमुख निशाने पर हैं।

कुलगाम जिले के अडूरा गांव में शुक्रवार की शाम आतंकियों ने एक सरपंच शब्बीर के घर पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। आतंकियों ने उन्हें पास से गोली मारी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले के बाद तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया। शब्बीर की पत्नी भी अडूरा के वार्ड तीन से पंच हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन आतंकियों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। आतंकी इस महीने अब तक तीन पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या कर चुके हैं।

 घाटी में आतंकवाद की शुरूआत से ही राजनेता आतंकियों की हिट लिस्ट में रहे हैं। यह इसी से स्पष्ट होता है कि पिछले 32 सालों में आतंकियों ने 1200 के करीब राजनीति से सीधे जुड़े हुए नेताओं की हत्या कर चुके हैं। इनमें ब्लाक स्तर से लेकर मंत्री और विधायक स्तर तक के नेता शामिल रहे हैं। हालांकि वे मुख्यमंत्री या उप-मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंच पाए लेकिन ऐसी बहुतेरी कोशिशें उनके द्वारा जरूर की गई हैं।

तत्कालीन राज्य में विधानसभा चुनावों के दौरान सबसे ज्यादा राजनीतिज्ञों को निशाना बनाया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 1996 के विधानसभा चुनावों में आतंकवादियों ने 75 से अधिक राजनीतिज्ञों और पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या किए जबकि साल 2002 के विधानसभा चुनाव उससे अधिक खूनी साबित हुए थे। उस साल 87 राजनीतिज्ञ मारे गए थे।

प्रदेश में जब जब पंचायत चुनाव करवाए जाने की चर्चा होती रही है तब-तब आतंकी भी अपनी मांद से बाहर निकल कर नेताओं को निशाना बनाते रहे हैं। इसके लिए उन्हें सीमा पार से दहशत मचाने के निर्देश दिए जाते रहे हैं।  बड़े स्तर के नेताओं को सुरक्षा दी तो दी जाती रही है पर निचले और मंझौले स्तर के नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए बाहर निकलने में हमेशा खतरा महसूस होता रहा है।

साल 1989 से लेकर वर्ष 2005 तक के आंकड़ों के मुताबिक, 1989 और 1993 में आतंकियों ने किसी भी राजनीतिज्ञ की हत्या नहीं की और बाकी के वर्षों में यह आंकड़ा 8 से लेकर 87 तक गया है। इस प्रकार इन सालों में आतंकियों ने कुल 1200 राजनीतिज्ञों की हत्या की।

साल 2008 का रिकार्ड देंखें तो आतंकियों ने 16 के करीब राजनीतिज्ञों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इनमें से वे कइयों में कामयाब भी रहे थे। आतंकियों के इन हमलों से जनता में काफी दहशत है।

Web Title: Jammu Kashmir Panic among leaders due to terrorist attacks killing of 3 sarpanches in one week

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