चलती ट्रेन में पुलिसकर्मी ने महिला पत्रकार और उसकी साथी को किया मोलेस्ट, ट्वीट करने पर नहीं रेंगी रेल मंत्री के कान पर जूँ

By मेघना वर्मा | Published: July 6, 2018 03:47 PM2018-07-06T15:47:02+5:302018-07-06T15:47:02+5:30

जिन पुलिस वालों को ट्रेन में हमारी सुरक्षा के लिए रखा जाता है वो खुद हमारी इज्जत पर नजर गढ़ाए रखते हैं। अब हम अपनी सुरक्षा की गुहार किनसे लगाने जाएं। अब ये बात और दबी नहीं रह सकती। 

indian-railway-railway-protection-force-rpf-girl-molested-in-running-train | चलती ट्रेन में पुलिसकर्मी ने महिला पत्रकार और उसकी साथी को किया मोलेस्ट, ट्वीट करने पर नहीं रेंगी रेल मंत्री के कान पर जूँ

चलती ट्रेन में पुलिसकर्मी ने महिला पत्रकार और उसकी साथी को किया मोलेस्ट, ट्वीट करने पर नहीं रेंगी रेल मंत्री के कान पर जूँ

नयी दिल्ली, 6 जुलाई: आज से पहले ऑफिस में कभी छेड़छाड़ का मुद्दा सुनती थी या अखबार में कभी ईव टीजिंग के बारें में सुना करती थी तो मुझे बुरा जरूर लगता था लेकिन खासा फर्क नहीं पड़ता था। मैं जहां रहती हूं वह जगह भी बहुत सेफ नहीं है, लड़कियां अक्सर बताती हैं कि उनके साथ वहां छेड़खानी या कंमेंट जैसी घटनाएं हुई हैं लेकिन मेरे साथ उस एरिया में भी आज तक कभी कुछ ऐसा नहीं हुआ। मगर ये छेड़छाड़ की घटना मेरे साथ जहां हुई उसके बारे में मैं शायद कभी सोच भी नहीं सकती थी। देश की सबसी बड़ी सुविधा रेल, जो रोजाना लाखों लोगों के आवागमन की गवाही देता है, उस जगह छेड़खानी होना अपने आप में घिनौना पन दर्शाता है। खास बात यह है कि यह छेड़खानी कोई आम नागरिक करें(वैसे तो तब भी ये उतना बड़ा जुर्म ही होगा मगर फिर भी) तो उसे साधारण समझा जा सकता है, मगर मेरे साथ तो ये घटना खुद रेलवे मे तैनात जीआरपीएफ के जवान ने की। आप खुद ही सोचिए जिस जीआरपीएफ को सरकार हमारी सुरक्षा के लिए ट्रेनों में तैनात करती है वह खुद हमारे शरीर को कुत्तों की नजर से देखते हैं कि बस कब मौका मिले और वो अपना हाथ साफ कर लें। 

गुरुवार (5 जुलाई) रात ऐसी ही एक घटना मेरे साथ हुई। इलाहाबाद से दिल्ली के लिए वीआइपी ट्रेन प्रयागराज (गाड़ी नम्बर- 12417) से सफर कर रही थी। चूंकी मैं अपनी दोस्त के साथ दिल्ली आप रही था और उसका टिकट RAC था। जिसमें S-7 कोच में 71 सीट उसकी थी। मेरी सीट S-5 कोच में 80 नम्बर की सीट थी जो कन्फर्म थी। मगर मेरी दोस्त के लिए मैंने अपनी सीट एक लड़के से एक्सचेंज कर ली थी। यानी अब हम S-7 कोच में 71 नम्बर सीट पर बैठे थे। साइड लोअर इस सीट में रात करीब 1 बजे जब हम दोनों सीट पर सोने के लिए लेट गए थे तभी रेलवे पुलिस का एक कर्मचारी मेरे पास से होता हुआ निकला। जब वो मेरे पास से निकला तो मुझे एहसास हुआ कि कोई मेरे सीने को छूता हुआ निकला। 

मेरी नींद हल्की हो गई लेकिन फिर थोड़ी देर बाद ये घटना वापिस हुई और वह पुलिस वाला फिर मेरे बगल से मेरे सीने को छूते हुए निकला लेकिन इस बार मैंने उसका हाथ झटक दिया। जब तक मैं सीट से उठ खड़ी हुई तब तक वो आगे निकल गया। मैंने इसकी शिकायत ट्रेन में मौजूद महिला टीटी से की। उन्होंने उस रेलवे कर्मचारी को फोन करके मेरे पास बुलाया। इसके बाद मैंने उसे फटकार लगाई और उसका नाम और नम्बर जानने की बार-बार कोशिश की लेकिन उसने अपना नाम बताने से साफ मना कर दिया। 


आस-पास के लोगों ने भी मेरा साथ दिया और कहा कि आप गलत हरकत कर रहे थे। जब सब उस पर हावी होने लगे तो वो माफी मांगने लगा। ऐसे माहौल में मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी कि मैं कैसे रिएक्ट करूं पर मैं इस बात को दबा नहीं सकती थी। आज ये मेरे साथ हुआ है कल ये किसी और अकेले सफर कर रही लड़की के साथ होगा। 

जिन पुलिस वालों को ट्रेन में हमारी सुरक्षा के लिए रखा जाता है वो खुद हमारी इज्जत पर नजर गढ़ाए रखते हैं। अब हम अपनी सुरक्षा की गुहार किनसे लगाने जाएं। अब ये बात और दबी नहीं रह सकती। 

इस विषय पर मैंने रेलवे मंत्री और मिनिस्ट्री सहित बहुत से लोगों को ट्विट भी किया। यूपी जीआरपी ने मुझे इसका जवाब देते हुए, उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। लेकिन सभी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप गढ़ते दिखाई दिए। घटना के 12 घंटे बाद भी इस चीज पर अभी किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया गया है।

मैं मेघना वर्मा, लोकमत हिंदी न्यूज, दिल्ली में महिला पत्रकार हूं। मैं पत्रकार हूं और मेरे पास यह मौका है कि मैं अपनी बात अागे तक ले जा सकती हूं लेकिन मेरी जैसी तमाम ऐसी लड़कियां हैं जो इस घटना को भूलाकर या चलो जाने दो करके भूल जाती होंगी, लेकिन बस अब ऐसा और नहीं चलेगा। 

Web Title: indian-railway-railway-protection-force-rpf-girl-molested-in-running-train

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे