ब्रिटेन में लॉटरी के इनाम में धोखाधड़ी के आरोप में भारतीय मूल की महिला को हुई 28 महीने की जेल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 5, 2022 21:58 IST2022-03-05T21:52:59+5:302022-03-05T21:58:08+5:30
ब्रिटेन में भारतीय मूल की महिला नरेंद्र गिल उत्तरी इंग्लैंड के लीड्स शहर में एक शॉपिंग सेंटर में काम करती थी। वहीं पर उसने एक 81 साल के बुजुर्ग फ्रैंक गोलैंड के लॉटरी टिकट की जांच की और उन्हें बताया कि उनकी लॉटरी का नंबर इनाम के लिए नहीं निकला है। जबकि उसने झूठ बोला था और होलैंड के लॉटरी टिकट का सेलेक्शन इनाम के लिए हुआ था।

सांकेतिक तस्वीर
लंदन: भारतीय मूल की एक महिला बुजुर्ग शख्स को धोखा देकर 130,000 पाउंड की लॉटरी के इनाम को धोखे से हड़पना चाहती थी लेकिन वो ब्रिटिश पुलिस की चंगुल में फंस गई और उसके इस हरकत के लिए ब्रिटेन की एक कोर्ट ने 28 महीने जेल की सजा सुनाई है।
जानकारी के मुताबिक महिला का नाम नरेंद्र गिल बताया जा रहा है और वह उत्तरी इंग्लैंड के लीड्स शहर में एक शॉपिंग सेंटर में काम करती थी। वहीं पर उसने एक 81 साल के बुजुर्ग फ्रैंक गोलैंड के लॉटरी टिकट की जांच की और उन्हें बताया कि उनकी लॉटरी का नंबर इनाम के लिए नहीं निकला है।
उसके बाद नरेंद्र गिल ने चुपके से फ्रैंक गोलैंड की वो लॉटरी रख ली, जो सचमुच में इनाम के लिए घोषित की गई थी। 'द सन' अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक गोलैंड ने गिल को कई टिकट चेक करने के लिए दिये थे। उनमें से एक लॉटरी का चयन ईनाम के लिए हुआ था लेकिन गिल ने उनसे झूठ बोला और इनाम वाला टिकट अपने पास रख लिया।
जांच के बाद 51 साल की दो बच्चों की मां नरेंद्र गिल को चोरी और धोखाधड़ी के आरोप में लीड्स क्राउन कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने शुक्रवार को नरेंद्र गिल को 28 महीने के लिए जेल की सजा सुनाई। यूके में यूरोमिलियन्स लॉटरी चलाने वाली कंपनी कैमलॉट को गिल पर तब शक हुआ जब उन्होंने कंपनी में फोन करके ग्राहकों सेवा से बात की और कहा कि लीड्स में व्हाइट रोज़ शॉपिंग सेंटर में करते हुए उन्हें यह टिकट उपहार में मिला था।
लॉटरी कंपनी कैमलॉट ने शक के बाद फौरन मामले में पुलिस कंप्लेन की। पुलिस ने जब मामले की जांच कर गिल पर चोरी के आरोपों को सही पाया तो रिटायर डिलीवरी मैन गौलैंड ने कहा, "यह काफी चौंकाने वाला मामला है।" कान में सुनने वाले यंत्र पहनने वाले गौलैंड ने याद किया कि उन्होंने टिकट के इनाम को चेक करने के लिए गिल को अपने आठ टिकट दिए थे।
नरेंद्र गिल ने उन्हें बताया कि उनके लॉटरी का कोई भी टिकट इनाम के लिए सेलेक्ट नहीं हुआ है और वो हारे गये हैं। गौलैंड ने कहा कि उन्हें यह महसूस ही नहीं हुआ कि गिल ने उनके टिकट को बदल दिया है और सही टिकट की जगह गलट टिकट दे दिया है।
वहीं लीड्स क्राउन कोर्ट से सजा पाने के बाद 'द सन' से गिल ने कहा, "जाहिर है, मैंने भारी भूल की, काश की मैंने ऐसा बेवकूफी नहीं की होती"