पटना में जांच एजेंसियों और एटीएस की टीम ने पीएफआई के कार्यालय में की छापेमारी, मिले कई अहम दस्तावेज
By एस पी सिन्हा | Published: July 15, 2022 07:37 PM2022-07-15T19:37:34+5:302022-07-15T19:44:37+5:30
दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद आज भी पटना में छापामारी जारी है। जांच एजेंसियों और एटीएस की टीम ने पीरबहोर थानाक्षेत्र के सब्जीबाग में छापेमारी की।
पटना: वर्ष 2047 भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के खतरनाक मंसूबों को पाले दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद आज भी पटना में छापामारी जारी है। जांच एजेंसियों और एटीएस की टीम ने पीरबहोर थानाक्षेत्र के सब्जीबाग में छापेमारी की। सब्जीबाग में पीएफआई का कार्यालय है। इसी कार्यालय पर छापेमारी की गई है। इसके साथ ही पटना एटीएस की टीम ने आज फुलवारी इलाके से एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। फिलहाल एटीएस की टीम संदिग्ध से पूछताछ कर रही है।
दरअसल, फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज से पूछताछ के बाद सब्जीबाग स्थित पीएफआई कार्यालय की जानकारी सामने आई थी। पुलिस यहां कुछ अन्य दस्तावेजों की तलाश में जुटी है। एटीएस की टीम ने अब तक इस मामले में आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें अतहर परवेज भी शामिल है, जो सिमी का पूर्व सदस्य रहा है।
2001-02 में जब सिमी बैन हुआ उस समय बिहार में जो आतंकी ब्लास्ट हुआ था उसमें मंजर परवेज गिरफ्तार हुआ था। मंजर भी अतहर का ही भाई है। बाद में अतहर ने वर्ष 2001, 2003, 2013 में बिहार में जो भी आतंकी घटनाएं हुई हैं उसमें गिरफ्तार लोगों के बेलर बनने का काम किया। वह पिछले दो साल से पीएफआई-एसडीपीआई का सदस्य बना हुआ है।
वहीं मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड में दरोगा रह चुका है लेकिन उसकी गतिविधियां भी संदिग्ध हैं। अतहर परवेज और जलालुद्दीन की गिरफ्तारी पहले ही हो गई थी। लेकिन, अब शमिम अख़्तर, शब्बिर मलिक और ताहिर अहमद को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार संदिग्धों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिहादी दस्ते के निशाने पर नूपुर शर्मा और उनके समर्थक थे।
अब तक 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार पुलिस को सबूत मिली है कि 6-7 जुलाई को मार्शल आर्ट के नाम पर कुछ स्थानीय लोगों को चरमपंथी लोगों द्वारा तलवार, चाकू चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। वही, दूसरे समुदाय के प्रति नफरत फैलाने का प्रयास भी किया गया। इस पूरी घटना का सीसीटीवही फुटेज पुलिस के हांथ लगी है।
इन आतंकियों का एकमात्र लक्ष्य इस्लाम विरोधियों से बदला लेना था। इसी मकसद से एसडीपीआई और पीएफआई की आड़ में गुप्त जिहादी दस्ता तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दी जा रही थी। भारत के युवाओं को ये लोग अपनी बातों में फंसाकर उन्हें जिहादी दस्ते से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। संगठन के लोग बड़ी गहराई से फेसबुक, टि्वटर समेत अन्य दूसरे माध्यमों से इस्लाम पर कमेंट या फिर आपत्तिजनक कमेंट करने वालों पर नजर रख रहे थे।
पुलिस गिरफ्तार लोगों के संपर्क में रहने वाले अन्य लोगों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। इसमें पटना और दरभंगा के अलावा दूसरे राज्यों के लोग भी शामिल हैं।