IIT-Guwahati: बीटेक छात्र तौसीफ अली फारुकी अरेस्ट, आईएसआईएस के साथ संबंधों के सबूत मिले, बेटे से मिलने आईआईटी-गुवाहाटी पहुंचे माता-पिता, क्या है माजरा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 30, 2024 12:18 PM2024-03-30T12:18:03+5:302024-03-30T12:18:57+5:30
IIT-Guwahati: आईआईटी-गुवाहाटी के बायोसाइंस विभाग के बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र तौसीफ अली फारुकी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
IIT-Guwahati: आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के प्रति कथित तौर पर सहानुभूति रखने वाले एक छात्र के माता-पिता अपने बेटे से मिलने के लिए यहां पहुंचे। आईआईटी-गुवाहाटी के बायोसाइंस विभाग के बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र तौसीफ अली फारुकी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि छात्र तौसीफ अली फारुकी के माता-पिता शुक्रवार को यहां पहुंचे। फारुकी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
फारुकी के माता-पिता पुलिस थाने गए थे जहां वह रविवार से 10 दिनों की पुलिस हिरासत में है। अधिकारी ने यह पुष्टि नहीं की कि वे अभी तक अपने बेटे से मिले हैं या नहीं। आरोपी को 23 मार्च को कामरूप जिले के हाजो में हिरासत में लिया गया था और अगले दिन भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया।
असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक पार्थसारथी महंत ने पहले कहा था कि फारुकी से पूछताछ के बाद पुलिस को आईएसआईएस के साथ उसके संबंधों के विश्वसनीय सबूत मिले और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। छात्र को आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारुकी उर्फ हारिस अजमल फारुखी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद धुबरी जिले में गिरफ्तार किए जाने के तीन दिन पश्चात हिरासत में लिया गया था।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भी कहा था कि पुलिस को आईआईटी-गुवाहाटी के दो छात्रों के आईएसआईएस में शामिल होने की कोशिश के बारे में सूचना मिली थी और एक छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन दूसरे का अभी तक पता नहीं चल सका है। दोनों छात्र दिल्ली के रहने वाले हैं।
शर्मा ने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है। एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कल्याण कुमार पाठक ने संवाददाताओं को बताया था कि छात्र ने एक ईमेल भेजा था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह आईएसआईएस में शामिल होने जा रहा है।
छात्रावास में उसके कमरे में एक काला झंडा पाया गया था जो ‘‘कथित तौर पर आईएसआईएस के झंडे से मिलता-जुलता था। इसे उन विशेष एजेंसियों के पास सत्यापन के लिए भेजा गया है जो प्रतिबंधित संगठनों से निपटती हैं।