हिमाचल प्रदेश: कसौली में महिला अधिकारी की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
By भाषा | Updated: May 2, 2018 14:19 IST2018-05-02T14:19:29+5:302018-05-02T14:19:29+5:30
पीठ ने इस घटना को अत्यधिक गंभीर बताया और कहा कि सरकारी अधिकारी न्यायालय के निर्देश का पालन करने के लिए अवैध निर्माण सील करने गए थे।

हिमाचल प्रदेश: कसौली में महिला अधिकारी की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
नई दिल्ली, 2 मई: सुप्रीम कोर्ट ने कसौली में अवैध निर्माण सील करने गई एक महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या करने की घटना का बुधवार को स्वत संज्ञान लिया। यह महिला अधिकारी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर होटल मालिक की संपत्ति में अवैध निर्माण सील करने गई थी। लेकिन होटल मालिक ने उन्हें कथित रूप से गोली मार दी जिसमें उसकी मौत हो गई।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस घटना को अत्यधिक गंभीर बताया और कहा कि सरकारी अधिकारी न्यायालय के निर्देश का पालन करने के लिए अवैध निर्माण सील करने गए थे। सहायक टाउन एंड कंट्री प्लानर शैलबाला शर्मा कल कसौली में नारायणी गेस्ट हाउस में अवैध निर्माण सील करने गई थीं जहां गेस्ट हाउस के मालिक विजय सिंह ने उन्हें कथित तौर पर गोली मार दी। बाद में महिला अधिकारी की मौत हो गई।
इस मामले का न्यायालय में उल्लेख किये जाने पर पीठ ने कहा, 'अगर आप लोगों की हत्या करेंगे तो शायद हम कोई भी आदेश पारित करना बंद कर दें।' पीठ ने घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि यह मामला प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के समक्ष पेश किया जाए ताकि कल वह इसे उचित पीठ के पास भेज सकें। उच्चतम न्यायालय ने यह भी पूछा कि सीलिंग अभियान के दौरान सरकारी अधिकारियों के साथ गया पुलिस दल उस समय क्या कर रहा था जब होटल मालिक ने महिला अधिकारी को कथित तौर पर गोली मारी।
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि सरकारी अधिकारियों पर गोली चलाने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। इस घटना में महिला अधिकारी की मौत हो गई जबकि लोक निर्माण विभाग का एक अधिकारी घायल हुआ है। अधिकारियों पर तब हमला किया गया जब वे उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सोलन जिले में 13 होटलों में अवैध निर्माण को ढहाने का अभियान चला रहे थे।
शीर्ष अदालत ने 17 अप्रैल को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सोलन के कसौली और धरमपुर इलाकों में 13 होटलों में अवैध निर्माण को गिराया जाए। इस काम के लिये चार दलों का गठन किया गया था। पुलिस ने कल बताया कि मृतक अधिकारी एक दल का नेतृत्व कर रही थीं और होटल मालिक ने इस अभियान को रोकने की कथित तौर पर कोशिश की। उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के पर्यटक शहर कसौली में कई होटलों और रिजॉर्टों में अवैध निर्माण ढहाने का आदेश दिया था और कहा था कि पैसा बनाने के लिए लोगों की जान खतरे में नहीं डाली जा सकती।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि अवैध निर्माण ने पूरे शहर को खतरे में डाल दिया है जिससे भूस्खलन हो रहा है और उसने ऐसे निर्माणों को ढहाने का आदेश दिया। पीठ ने कहा था कि कुछ होटलों और रिजॉर्टों को केवल दो मंजिला इमारत बनाने की मंजूरी थी लेकिन वहां पर छह मंजिला इमारत बनाई गई।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बिना मंजूरी के अवैध रूप से बनाई गई ऐसी इमारतों को ढहाने या ऐसे कई प्रतिष्ठानों को बंद करने का आदेश दिया था। कसौली में कई होटलों, रिजॉर्टों और गेस्ट हाउस के मालिकों ने अधिकरण के इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।
अधिकरण ने अपने आदेश में नारायणी गेस्ट हाउस, बर्ड्स व्यू रिजॉर्ट, होटल पाइन व्यू, होटल नीलगिरी, होटल दिवशिखा और एएए गेस्ट हाउस समेत कई होटलों के अस्थायी निर्माण को ढहाने के निर्देश दिए थे। अधिकरण ने पारिस्थितिकी को अपूरणीय क्षति पहुंचाने, पर्यावरण को प्रदूषित करने और अवैध निर्माण के लिए इनमें से कई होटलों पर भारी जुर्माने भी लगाए थे। एनजीटी ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर यह फैसला दिया था।