'पत्नी का प्राइवेट पार्ट पुरुषों वाला!', शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में डाली अर्जी, पत्नी पर लगाया धोखा देने का आरोप
By विनीत कुमार | Published: March 14, 2022 07:42 AM2022-03-14T07:42:12+5:302022-03-14T11:49:02+5:30
मध्य प्रदेश के एक शख्स ने अपनी पत्नी और उसके पिता पर धोखा देने का आरोप लगाया है। शख्स का कहना है कि पत्नी का प्राइवेट पार्ट पुरुषों की तरह है। शख्स मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
नई दिल्ली: एक शख्स ने अपनी पत्नी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शख्स ने आरोप लगाए हैं कि उसकी पत्नी के प्राइवेट पार्ट में 'पुरुषों वाले अंग' हैं। इस मामले को लेकर ग्वालियर के इस शख्स ने न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
शख्स ने सुप्रीम को दी अपनी अर्जी में कहा है कि पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट बताती है कि वह जैविक रूप से महिला है, उसमें अंडाशय है जो उसे एक महिला के रूप में पहचान कराती है। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि उसके पास 'पुरुष जननांग' और 'इनपरफोरेट हाइमन' (imperforate hymen) हैं।
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को ग्वालियर के शख्स द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया, जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुर पर 'धोखा देने' का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर महिला को नोटिस जारी किया गया है।
पत्नी पर पुरुष जैसा होने का आरोप! क्या है पूरा मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार दंपति ने 2016 में शादी की थी। हालांकि पत्नी कई दिनों तक संबंध स्थापित करने से इनकार करती है। आखिरकार जब जोड़े ने संबंध में आगे बढ़ने की कोशिश की इसी दौरान तो पति ने पाया कि पत्नी के जननांग में 'पुरुष' जैसी विशेषताएं थीं।
इसके बाद पति अपनी पत्नी को मेडिकल चेक-अप के लिए ले गया। इसमें पता चला कि पत्नी को जन्मजात कॉन्जेनिटल एड्रेनल हाइपरप्लासिया (congenital adrenal hyperplasia) नाम का एक आनुवंशिक विकार है, जिसके कारण उसके बाहरी यौन अंग एक पुरुष बच्चे की तरह दिखते हैं। इसे ठीक करने के लिए पत्नी को सर्जरी की भी सलाह दी गई।
इसके बाद शख्स ने अपनी पत्नी को उसके माता-पिता के पास वापस भेज दिया और दावा किया कि उसे 'धोखा' दिया गया है। इसके बाद दोनों परिवारों में काफी कहासुनी भी हुई। इस बीच महिला के परिवार ने पति के खिलाफ क्रूरता की प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद शख्स ने भी आईपीसी की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया और कहा कि पत्नी और ससुर ने मेडिकल कंडिशन की बातें छिपाई और ऐसा कर उन्होंने धोखाधड़ी की है।
सुप्रीम कोर्ट से पहले निचली अदालतों में क्या हुआ?
मामले में सुनवाई के दौरान निचली अदालत ने महिला को नोटिस जारी किया था। महिला ने तब कोर्ट के कहने पर अनिवार्य चिकित्सकीय जांच कराने से इनकार कर दिया था और ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यह देखते हुए शख्स आरोपों को खारिज कर दिया था कि चिकित्सा रिपोर्टों के अनुसार महिला के पास उपयुक्त महिला विशेषताएं और अंग हैं, और इसलिए धोखाधड़ी का अपराध नहीं बनता है।
ऐसे में पति ने अब इस तर्क के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है कि पत्नी के परिवार ने उसकी चिकित्सा स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया और धोखाधड़ी की है।
शख्स ने यह भी दावा किया है कि उसने शादी का सारा खर्च भी वहन किया था। इसमें पत्नी के परिवार ने आर्थिक रूप से योगदान नहीं दिया था। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी और ससुर को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।