गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने भुज के एक स्कूल में खुले में सैनेटरी पैड मिलने के मामले में लड़कियों के कपड़े खुलवाने को लेकर सख्ती दिखाई है। इस मामले में सीएम ने कहा कि सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और गृह विभाग और शिक्षा विभाग को सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में एफआईआर कल दर्ज कर ली गई थी।
बता दें कि गुजरात में लड़कियों के कपड़े उतरवाए जाने के मामले पर बवाल मचा हुआ है। इस पर कार्रवाई करते हुए 4 लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। भुज में हुई इस घटना को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल, हॉस्टल वार्डन के अलावा हॉस्टल की 2 महिला असिस्टेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कच्छ के सुपरिडेंट सौरभ टोलुम्बिया ने बताया कि हमारी महिला थाने की एक टीम और एक महिला काउंसलर वहां गए। काउंसलिंग के बाद एक छात्र ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें पीरियड्स नहीं होने के सबूत के तौर पर न केवल छात्राओं को अपने अंडरवियर उतारने को कहा गया बल्कि उनसे एक माफीनामा भी लिखवाया गया। जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी सेक्शन 354-A (यौन उत्पीड़न), 384 (जबरन वसूली), 506 (2) (आपराधिक धमकी) मामला दर्ज किया है।
बता दें कि कॉलेज के छात्रावास में रहने वाली स्नातक की 68 छात्राओं की कॉलेज से रेस्टरूम तक परेड कराई गई थी और हर छात्रा को अपने अंडरवियर उतारने के लिए मजबूर किया गया था ताकि यह साबित हो सके उन्हें पीरियड्स नहीं आई है। एनसीडब्ल्यू के बयान के अनुसार आयोग ने इस 'शर्मनाक कार्य' के लिए सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट कॉलेज के न्यासी प्रवीण पिंडोरा और प्रधानाध्यापक रीता रानीगा से जवाब मांगा है।
एनसीडब्ल्यू ने एक जांच दल का गठन किया है जो संस्थान की छात्राओं से मिलेगी और घटना के बारे में पूछताछ करेगी। बयान के अनुसार, 'एनसीडब्ल्यू ने कच्छ विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति दर्शना ढोलकिया और गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा (आईपीएस) से भी मामले में विस्तृत जांच करने और उनकी कार्य रिपोर्ट पर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
कॉलेज प्रशासन कार्रवाई सही ठहराया वहीं, कॉलेज प्रशासन ने इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि यहां पीरियड्स के दौरान छात्राओं के लिए अपने कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। मालूम हो कि कुछ हफ्ते पहले लड़कियों को कथित तौर पर छात्रावास द्वारा बनाए गए रजिस्टर में उनके मासिक धर्म चक्र के विवरण दर्ज करने के लिए कहा गया था।