फर्रुखाबाद मामले में नया खुलासा, रूस की घटना से प्रेरित होकर सुभाष बाथम ने बच्चों को बनाया था बंधक
By भाषा | Published: February 1, 2020 08:46 PM2020-02-01T20:46:19+5:302020-02-01T20:46:19+5:30
इस बीच, फर्रुखाबाद से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि सुभाष बाथम के घर में इतना विस्फोटक मौजूद था कि जिससे 50 मीटर के क्षेत्र को तहस-नहस किया जा सकता था।
फर्रुखाबाद में गुरुवार की रात 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे ने वर्ष 2004 में रूस में हुई ऐसी घटना का गहराई से अध्ययन करने के बाद वारदात की साजिश रची थी। कानपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मोहित अग्रवाल ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि फर्रुखाबाद के कसरिया गांव में 30 और 31 जनवरी की रात पुलिस मुठभेड़ में मारे गये सुभाष बाथम ने वर्ष 2004 में रूस में हुई घटना का गहराई से अध्ययन करने के बाद बेटी के जन्मदिन के बहाने 23 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बनाया था।
उन्होंने बताया, ‘‘सुभाष ने इसके अलावा पूर्व में अमेरिका में हुई इस तरह की घटनाओं का भी अध्ययन किया था। उसके पास से बरामद मोबाइल फोन की पड़ताल करने पर पाया गया कि वह काफी दिनों से इस तरह की योजना बना रहा था। वह बम बनाने और तार के माध्यम से उसमें विस्फोट करने की विधि को मोबाइल फोन पर लगातार सर्च और डाउनलोड कर रहा था।’’
अग्रवाल ने बताया, ‘‘सुभाष जिस तरह से मोबाइल फोन पर गतिविधियां कर रहा था, उससे लगता है कि उसने यह योजना अचानक नहीं बनायी थी। वह महीने-दो महीने से इस पर अध्ययन कर रहा था। सुभाष एक मामले में करीब डेढ़ माह पहले ही जेल से छूटकर आया था और हो सकता है जेल के साथियों की मदद से गोला-बारूद और बंदूक हासिल की हो।’’ उन्होंने बताया, ‘‘सुभाष के कॉल डिटेल और फोन के लोकेशन के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि वारदात से पहले वह कहां-कहां गया था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या वारदात में उसके साथ उसकी पत्नी रूबी के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी शामिल था। हालांकि अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है।’’
अग्रवाल ने बताया कि सुभाष के घर से 315 बोर की रायफल, एक कट्टा और 20 कारतूस बरामद हुए हैं। इसके अलावा 135 देसी बम, सिलिंडर बम, काफी मात्रा में तार, बम बनाने की सामग्री भी बरामद की गई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ घर में एक ऐसा शौचालय है जिसे संभवत: एक ही दिन पहले बनाया गया था। इससे लगता है कि सुभाष को उम्मीद थी कि बंधक संकट लंबे समय तक चल सकता है।’’ अग्रवाल ने बताया, ‘‘पुलिस की कोशिश बच्चों की सुरक्षा थी, इसलिए पहले सुभाष और उसकी पत्नी को समझाने की कोशिश की गई जिसपर उन्होंने प्रति बच्चा एक करोड़ रुपये और उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की।’’
अग्रवाल ने बताया,‘‘स्थिति इतनी गम्भीर हो गयी कि तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। हमने मकान का पिछला गेट तोड़ा और सुभाष को पकड़ने के लिये आगे बढ़े। हमें देखकर उसने हथगोला फेंका और एक गोली चलायी जो मेरी बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी और हथगोले के छर्रे हमारे एसपी और एएसपी को लगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जैसे ही वह अगला फायर करने वाला था, तभी एसओजी के एक सिपाही ने अपनी रायफल से उसे गोली मार दी और सुभाष वहीं पर गिर गया। डॉक्टर को तत्काल बुलाया गया जिसने उसे मृत घोषित कर दिया।’’
इस बीच, फर्रुखाबाद से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि सुभाष बाथम के घर में इतना विस्फोटक मौजूद था कि जिससे 50 मीटर के क्षेत्र को तहस-नहस किया जा सकता था। भोजपुर से भाजपा विधायक नागेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में अंजलि नामक 12 वर्षीय लड़की ने समझदारी दिखायी। उसने सुभाष और उसकी पत्नी रूबी के तहखाने से बाहर आने पर उसका दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और सुभाष के धमकाने के बाद भी नहीं खोला। उन्होंने कहा कि इस बच्ची को वीरता पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा।