कर्नाटक के व्हाइटफील्ड में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 72 लोग हुए गिरफ्तार, 138 कंप्यूटर जब्त
By रुस्तम राणा | Published: July 8, 2022 08:34 PM2022-07-08T20:34:37+5:302022-07-08T20:47:21+5:30
व्हाइटफील्ड पुलिस और महादेवपुरा पुलिस की एक संयुक्त टीम के द्वारा किए गए ऑपरेशन में यह खुलासा हुआ है। पुलिस ने यह ऑपरेशन गुरुवार रात को किया था।
बेंगलुरु:कर्नाटक के व्हाइटफील्ड में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड़ हुआ है। व्हाइटफील्ड पुलिस और महादेवपुरा पुलिस की एक संयुक्त टीम के द्वारा किए गए ऑपरेशन में यह खुलासा हुआ है। पुलिस ने यह ऑपरेशन गुरुवार रात को किया था। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 72 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को फर्जी कॉल किया करते थे। इसके साथ ही 138 कंप्यूटर भी जब्त किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल इस काले कारोबार में किया जा रहा था।
संयुक्त अभियान को सहायक पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त व्हाइटफील्ड की देखरेख में अंजाम दिया गया। टीमों ने व्हाइटफील्ड में एथिकल इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड और गायत्री टेक पार्क नाम के 2 परिसरों की तलाशी ली गई। फर्जी कॉल सेंटरों द्वारा चलाए जा रहे संगठित साइबर धोखाधड़ी की जांच के लिए तलाशी ली गई थी।
जांच से पता चला कि अहमदाबाद, गुजरात के दो किंगपिन युवा स्नातकों को कॉल करने वालों के रूप में काम करने के लिए नियुक्त कर रहे थे। उन्हें ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से काम पर रखा गया था। कॉल करने वालों ने मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में पीड़ितों को निशाना बनाया था।
टेक्स्टिंग और वॉयस मेल जैसे तरीकों का उपयोग करते हुए, कॉल करने वालों ने पीड़ितों को सूचित किया कि उनके खातों (बैंक, अमेज़ॅन एसी, आदि) में धोखाधड़ी की गतिविधि का पता चला है। पीड़ितों ने जब मामले को सुलझाना चाहा तो उनसे निजी और गोपनीय जानकारियां निकाली गईं। भोले-भाले पीड़ितों को उनके सामाजिक सुरक्षा नंबर, बैंक खाते के विवरण आदि का खुलासा करने के लिए बरगलाया गया।
आरोपी ने आगे पीड़ितों से पैसे निकालने के लिए अमेज़ॅन गिफ्ट कार्ड, क्रिप्टो करेंसी और वायर ट्रांसफर जैसे अनट्रेसेबल मनी ट्रांसफर ऐप का इस्तेमाल किया। इस अपराध के सिलसिले में सीआरपीसी की धारा 454 और 455/2022 के तहत आईटी अधिनियम की धारा 66 सी और 66 डी और भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत मामले दर्ज किए गए थे।