Money Laundering Case: धनशोधन मामले में गैंगस्टर सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू अरेस्ट, लारेंस बिश्नोई गिरोह पर ईडी का शिकंजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 21, 2024 21:23 IST2024-02-21T17:29:58+5:302024-02-21T21:23:03+5:30
Money Laundering Case: चीकू को पंचकुला में धनशोधन रोकथाम अधिनियम की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।

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नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लारेंस बिश्नोई गिरोह और उसके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन की जांच के तहत सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू को बुधवार को गिरफ्तार किया। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी। सूत्रों ने बताया कि चीकू को पंचकूला में धनशोधन रोकथाम अधिनियम की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले वर्ष 5 दिसंबर को हरियाणा और राजस्थान में चीकू और कुछ अन्य व्यक्तियों से संबंधित कुल 13 परिसरों पर छापा मारा था। चीकू एक गैंगस्टर होने के साथ ही बिश्नोई एवं खालिस्तानी आतंकवादी समूहों का करीबी सहयोगी भी बताया गया है। ईडी ने आरोप लगाया कि सुरेंद्र उर्फ चीकू का लारेंस बिस्नोई गिरोह और खालिस्तानी आतंकवादी समूहों के साथ "सीधा संबंध" है और उसने अपने सहयोगियों के माध्यम से खनन, शराब और टोल व्यवसायों से उत्पन्न "अपराध की आय" का निवेश किया।
इसमें दावा किया गया कि चीकू ने "अवैध रूप से" अर्जित अपने धन को दो कंपनियों और उसके निदेशकों के माध्यम से निवेश किया, जो उसके सहयोगी थे। एजेंसी ने दोनों सहयोगियों की पहचान एमडीआर एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशकों सतीश कुमार और विकास कुमार के रूप में की है।
कंपनी की स्थापना 12 अक्टूबर, 2020 को हुई थी और यह खनन और उत्खनन में शामिल है। ईडी ने कहा कि दोनों व्यक्ति 21 अगस्त, 2019 से 15 नवंबर, 2021 तक निमावत ग्रेनाइट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक अन्य कंपनी के निदेशक भी थे और इस इकाई को 5 जुलाई, 2012 को शुरू किया गया था। उसने कहा कि यह पत्थर, रेत और मिट्टी के उत्खनन में शामिल है।
ईडी ने आरोप लगाया कि चीकू ने "अवैध रूप से अर्जित अपने धन को इन कंपनियों के माध्यम से निवेश किया, जिससे अपराध की आय का शोधन किया।" धनशोधन का यह मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक प्राथमिकी के अलावा, अपहरण, हत्या और जबरन वसूली के आरोप में चीकू के खिलाफ हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई चार शिकायतों से जुड़ा है। दिसंबर की छापेमारी में एजेंसी ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज, नकदी बहीखाता, संपत्ति के कागजात और 5 लाख रुपये नकद जब्त किए। कार्रवाई में करीब 60 बैंक खातों का पता लगाने का भी दावा किया गया है।
एजेंसी ने कहा था, "गिरोह ने बिना पंजीकृत दस्तावेज के बेचने के लिए विभिन्न 'ब्यानामा' या समझौते किए थे और संपत्तियों को कब्जे में लिया था और गिरोह के सदस्यों द्वारा उनका उपयोग किया गया। लगभग 13 ऐसी संपत्तियों के दस्तावेज पाए गए और उन्हें पीएमएलए के तहत जब्त किया गया।’’