क्या योगी सरकार ने राजा भैया के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लिए? जानिए क्या है सच्चाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 20, 2020 07:38 AM2020-07-20T07:38:44+5:302020-07-20T07:38:44+5:30

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार  से पूछा था कि क्या रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लिए गए। इस पर योगी सरकार ने सफाई दी है।

Did the Yogi government withdraw criminal cases filed against Raja Bhaiya? Know what is the truth | क्या योगी सरकार ने राजा भैया के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लिए? जानिए क्या है सच्चाई

योगी सरकार की सफाई- राजा भैया के केस वापस नहीं लिए गए (फाइल फोटो)

Highlightsराजा भैया प्रतापगढ की कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं।राजा भैया के खिलाफ कुंडा के साथ ही आसपास के इलाकों में 47 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

प्रतापगढ़ जिले के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एकबार फिर चर्चा में हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार राजा भैया के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस ले रही है। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर सफाई देते हुए योगी सरकार ने कहा है कि मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार के गठन के बाद राजा भैया से जुड़ा एक भी मुकदमा वापस नहीं लिया गया है।

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लिये गये हैं? अदालत ने कहा कि यदि वापस लिये गये हैं तो उसका कारण स्पष्ट करें। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि उचित स्पष्टीकरण नहीं आता तो वह इस प्रकरण में स्वतः संज्ञान लेगी। अदालत ने यह भी कहा कि जिस अभियुक्त के खिलाफ कई मुदकमे दर्ज हों उसके खिलाफ उदारतावूर्ण रवैया नहीं अपनाया जा सकता है। मामले की अगली सुनवायी 21 जुलाई को होगी। 

राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले ने डाली याचिका

यह आदेश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार की पीठ ने शिव प्रकाश मिश्रा सेनानी की ओर से दायर रिट याचिका पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने राजा भैया के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था और उसे जान का खतरा है। उसे मिली सुरक्षा की अवधि समाप्त हो रही थी। याची के अधिवक्ता एस.एम. रायकवार ने तर्क दिया कि याची के जीवन को खतरा बराबर बना हुआ है किन्तु सरकार उसके सुरक्षा करने की मांग के बावत दिये गये उसके प्रत्यावेदन को निस्तारित नहीं कर रही है। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि सरकार राजा भैया के राजनीतिक रसूख के चलते उनके खिलाफ दर्ज कई आपराधिक मामले वापस ले लिये हैं।

राजा भैया के खिलाफ 47 आपराधिक मुकदमे

राजा भैया के खिलाफ कुंडा के साथ ही महेशगंज, प्रयागराज, रायबरेली के ऊंचाहार और राजधानी लखनऊ में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, अपहरण समेत अन्य संगीन धाराओं में 47 मुकदमे दर्ज हैं। कई मामलों में उन्हें कोर्ट से राहत मिल चुकी है और कुछ मामले अभी भी लंबित हैं। गौरतलब है कि बसपा सरकार में राजा भैया के खिलाफ सरकार ने सख्त कदम उठाए थे। इस दौरान राजा भैया को करीब ढाई साल जेल में बिताने पड़े थे।

गौरतलब है कि राजा भैया प्रतापगढ की कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। वह अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री थे लेकिन प्रतापगढ़ में पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक की भीड़ द्वारा हत्या किये जाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने हाल ही में एक नई पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का गठन भी किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

Web Title: Did the Yogi government withdraw criminal cases filed against Raja Bhaiya? Know what is the truth

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