मां-बाप से बदला लेने के लिए 7 साल के बेटे की हत्या, 38 दिनों तक अटैची में रखा रहा शव
By पल्लवी कुमारी | Published: February 14, 2018 11:15 AM2018-02-14T11:15:14+5:302018-02-14T11:23:45+5:30
राजधानी दिल्ली में स्वरूप नगर इलाके में IAS की तैयारी कर रहे एक शख्स के घर से पुलिस ने 38 दिन से अटैची में बंद बच्चे का शव बरामद किया है।
राजधानी दिल्ली में IAS की तैयारी कर रहे एक शख्स के घर से पुलिस ने 38 दिन से अटैची में बंद बच्चे का गला हुआ शव बरामद किया है। घटना दिल्ली के स्वरूप नगर का है। यह बच्चा आशीष की 7 जनवरी की शाम गायब हुआ था। आशीष का शव पड़ोस के मुंहबोले चाचा अवधेश के घर से ही बरामद हुआ है। आशीष के गायब होने के बाद ही परिजनों ने उस पर किडनैपिंग का शक जाहिर किया था। दिल्ली पुलिस की पुछताछ के बाद आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया। उसने परिवार से 15 लाख रुपये फिरौती मांगने के लिए भी ऐसा
डीसीपी असलम खान ने बताया कि आशीष के के पैरंट्स पीठ पीछे आरोपी अवधेश को काफी गाली देते थे। इसका पता चलने पर उसने बदला लेने की भावना से बच्चे की हत्या कर दी। बाद में उसने सोचा कि फिरौती भी वसूल लेगा।
करण सैनी उर्फ सुरेंद्र परिवार के साथ नत्थुपुरा में रहते थे। करण का 7 साल का बेटा आशीष उर्फ आशू गायब हो गया था। फैमिली में करण के पैरंट्स और दो छोटे भाई भी साथ रहते हैं। आरोपी अवधेश भी उसी गली में कुछ ही घरों के फासले पर किराये में रहता है, जो मूल रूप से यूपी ऐटा का है।
आशीष के किडनैप होने पर आरोपी अवधेश ने संवेदना जताते हुए दिल्ली स्वरूपनगर थाने में FIR दर्ज करवाई थी। पुलिस ने बताया कि जब अवधेश पहली बार दिल्ली आया था तो वह कुछ सालों तक करण के यहां ही रहा था। पुलिस ने बताया कि इस दौरान करण के पिता अवधेश को चौथे बेटे की तरह मानते थे। इस बात से करण काफी नाराज रहने लगा था। इसी दौरान अवधेश रात में शराब पीकर भी घर आता था, इस बात से गुस्सा होकर करण और उसकी पत्नी दोनों आपस में गाली-गलौज करते थे। इस बात को अवधेश ने कई बार सुन लिया था।
इसी बात का बदला लेने के लिए उसने करण के बेटे को अवधेश ने साइकिल का झांसा देकर अपने घर के कमरे में बुला लिया। जिसके बाद उसने इस घिनौने घटना को अंजाम दिया। यह घटना 7 जनवरी की है। अवधेश शव को बाहर लेकर इसलिए नहीं गया क्योंकि इलाके में काफी सारे सीसीटीवी फूटेज लगे थे। अवेधश को डर था कि अगर वह शव बाहर लेकर गया तो वह कहीं कैमरे में ना कैद हो जाए।