Delhi: घर से निकली 13 साल की लड़की का अपहरण, अधेड़ के साथ शादी फिर रेप; पुलिस ने किया तस्करी गैंग का भंडाफोड़
By अंजली चौहान | Updated: August 19, 2025 09:36 IST2025-08-19T09:35:43+5:302025-08-19T09:36:41+5:30
Delhi:13 वर्षीय लड़की को 21 जुलाई को लापता होने के लगभग एक महीने बाद उत्तर प्रदेश के शामली से बचाया गया। दिल्ली पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

Delhi: घर से निकली 13 साल की लड़की का अपहरण, अधेड़ के साथ शादी फिर रेप; पुलिस ने किया तस्करी गैंग का भंडाफोड़
Delhi:दिल्ली पुलिस ने एक तस्करी गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग ने एक 13 साल की लड़की को अपना शिकार बनाया और उससे शादी करके उसका रेप किया। इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि लगभग एक महीने पहले अपने पिता से झगड़े के बाद दिल्ली के भारत नगर स्थित अपने घर से निकली 13 वर्षीय एक लड़की को कथित तौर पर उत्तर प्रदेश ले जाया गया, जहाँ पैसों के लालच में उसकी शादी करा दी गई और बाद में उसके साथ बलात्कार किया गया। पुलिस के अनुसार, लड़की को उत्तर प्रदेश के शामली से छुड़ाया गया।
पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में चार लोगों - शामली निवासी राजीव (40), हापुड़ निवासी विकास (20), मेरठ निवासी आशु (55) और गाजियाबाद निवासी रमनजोत सिंह (24) को गिरफ्तार किया है।
एक महीने पहले लापता हुई थी लड़की
गौरतलब है कि पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने कहा, "लड़की 21 जुलाई को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के वजीरपुर स्थित जेजे कॉलोनी स्थित अपने घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। भारत नगर पुलिस स्टेशन में अपहरण का मामला दर्ज किया गया और उसकी तलाश के लिए एक टीम गठित की गई।"
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि पिता से झगड़े के बाद वह परेशान होकर घर से निकली और इंद्रलोक से मेट्रो लेकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुँची। वहाँ से वह मेरठ जाने वाली ट्रेन में सवार हुई, जहाँ उसकी मुलाकात विकास नाम के एक व्यक्ति से हुई।
डीसीपी ने बताया कि विकास ने उसे बहकाया और बाद में उसे सह-आरोपी आशु के घर में बंधक बना लिया गया और बाद में राजीव को सौंप दिया गया, जो उसे "खरीदने" का इरादा रखता था। इस सौदे को अंजाम देने के लिए, एक अन्य आरोपी रमनजोत सिंह ने लड़की को वयस्क बताते हुए एक फर्जी आधार कार्ड बनवाया।
पुलिस ने बताया कि राजीव ने 24 जुलाई को लड़की से जबरन शादी की और कथित तौर पर अपने शामली स्थित आवास पर उसका यौन शोषण किया।
लड़की को कैसे बचाया गया?
डीसीपी ने कहा, "लगातार पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने पैसे के लिए लड़की को बेचने की साजिश रची थी। पीड़िता के बयान से घटनाक्रम की पुष्टि हुई और काउंसलिंग के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया है।"
इस बीच, पुलिस ने बताया कि लड़की के परिवार को एक अनजान नंबर से मिस्ड कॉल आई। जब उन्होंने वापस कॉल किया, तो एक महिला ने दावा किया कि उसकी बहू ने गलती से नंबर डायल कर दिया था और तुरंत फ़ोन कट गया। बाद में उस नंबर की लोकेशन शामली में पाई गई, जहाँ 16 अगस्त को स्थानीय पुलिस की मदद से लड़की को राजीव के घर से छुड़ाया गया।
दिल्ली पुलिस ने तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया
जांच के दौरान, पता चला कि गाजियाबाद में एक साइबर कैफे चलाने वाले रमनजोत ने एक ऑनलाइन पीडीएफ एडिटिंग ऐप का इस्तेमाल करके पीड़िता का फर्जी आधार कार्ड बनाया था। पुलिस ने साजिश में इस्तेमाल किए गए चार मोबाइल फोन के साथ जाली दस्तावेज़ भी जब्त कर लिया।
जांच के दौरान, पीड़िता का विवरण तुरंत ज़िपनेट पर अपलोड किया गया और एनसीआरबी, एससीआरबी, सीबीआई और गुमशुदा व्यक्ति दस्ते के माध्यम से देश भर में प्रसारित किया गया। प्रमुख समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचनाएँ प्रकाशित की गईं और सीसीटीवी फुटेज की गहन जाँच की गई, जिसमें पीड़िता इंद्रलोक मेट्रो बस स्टैंड के पास दिखाई दी।
डीसीपी ने बताया कि 30 से ज़्यादा मोबाइल फ़ोन नंबरों की जाँच की गई, संदिग्ध इंस्टाग्राम अकाउंट्स की जाँच की गई और दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मथुरा, रोहिणी, पलवल, द्वारका, शकूरपुर और विभिन्न रेलवे स्टेशनों सहित कई जगहों पर छापे मारे गए।
चारों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 143 (अपहरण), 144 (तस्करी के शिकार व्यक्ति का शोषण), 64 (बलात्कार), 337 (जालसाज़ी), 339 (जाली दस्तावेज़ रखना), 351(2) (आपराधिक धमकी), 61 (आपराधिक षडयंत्र), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 और 21, तथा बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा 9 और 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि तस्करी नेटवर्क में अन्य संभावित लिंक की पहचान के लिए आगे की जाँच जारी है।