पांच साल पहले पत्नी की गला घोंटकर हत्या, पति को आजीवन कारावास, 5000 जुर्माना, 11 वर्षीय पुत्र ने कहा-दादी कमरे में गई तो मां बिस्तर पर मृत पड़ी थी

By भाषा | Updated: December 6, 2022 19:56 IST2022-12-06T19:54:49+5:302022-12-06T19:56:28+5:30

देहरादून के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रमणि राय ने सोमवार को आरोपी अभिषेक शर्मा को 16 अप्रैल 2017 को आपसी झगड़े के दौरान पत्नी नीति की गला घोंटकर हत्या करने का दोषी करार देते हुये आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Dehradun Wife strangled death five years ago husband life imprisonment 5000 fine 11-year old son testified saidwhen grandmother went room, mother lying dead bed | पांच साल पहले पत्नी की गला घोंटकर हत्या, पति को आजीवन कारावास, 5000 जुर्माना, 11 वर्षीय पुत्र ने कहा-दादी कमरे में गई तो मां बिस्तर पर मृत पड़ी थी

11 वर्षीय पुत्र मामले में महत्वपूर्ण गवाह था जिसके बयान के आधार पर उसके पिता को दोषी ठहराने में सहायता मिली।

Highlightsअदालत ने शर्मा पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस को बुलाया और अपना अपराध कबूल कर लिया।11 वर्षीय पुत्र मामले में महत्वपूर्ण गवाह था जिसके बयान के आधार पर उसके पिता को दोषी ठहराने में सहायता मिली।

देहरादूनः उत्तराखंड की एक अदालत ने पांच साल पहले पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने के एक आरोपी व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। देहरादून के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रमणि राय ने सोमवार को आरोपी अभिषेक शर्मा को 16 अप्रैल 2017 को आपसी झगड़े के दौरान पत्नी नीति की गला घोंटकर हत्या करने का दोषी करार देते हुये आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

सरकारी अधिवक्ता जे के जोशी ने बताया कि अदालत ने शर्मा पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उन्होंने बताया कि पत्नी की हत्या करने के तुरंत बाद शर्मा ने पुलिस को बुलाया और अपना अपराध कबूल कर लिया। अधिवक्ता ने बताया कि शर्मा का 11 वर्षीय पुत्र मामले में महत्वपूर्ण गवाह था जिसके बयान के आधार पर उसके पिता को दोषी ठहराने में सहायता मिली।

उन्होंने कहा कि पुत्र ने अदालत को बताया कि घटना वाले दिन उसके माता-पिता अपने कमरे में आपस में लड़ रहे थे और कुछ देर के लिए शांति हुई और थोड़ी देर बाद उसके पिता अकेले कमरे से 'बदहवास' से बाहर निकले। शर्मा के पुत्र ने अदालत को बताया कि जब वह और उसकी दादी कमरे में गई तो उसकी मां बिस्तर पर मृत पड़ी थी।

ओडिशा की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कारावास की सजा दी

ओडिशा के मयूरभंज जिले की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के जुर्म में 58 वर्षीय व्यक्ति को मंगलवार को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी। मयूरभंज जिले की त्वरित अदालत के न्यायाधीश दुर्गा चरण मिश्रा ने दुलाल सिंह को 2019 में 16 साल की लड़की से दुष्कर्म का दोषी ठहराया और उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

यह घटना 20 मई 2019 को बेतनोती पुलिस थाने के तहत आने वाले कच्चिम्बिला गांव में हुई। दुलाल नाबालिग लड़की को नजदीकी जंगल में लेकर गया और उससे दुष्कर्म किया। पीड़िता का भाई जंगल से लड़की को लेकर आया और बेतनोती पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। पुलिस ने बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून के तहत एक मामला दर्ज किया और आरोपी दुलाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

विशेष लोक अभियोजक मनोरंजन पटनायक ने कहा कि पीड़िता की 2021 में मौत हो गयी थी जिसके कारण वह मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश नहीं हो पायी। पटनायक ने बताया कि यह फैसला पीड़िता के भाई के बयान पर आधारित है जो चश्मदीद है। साथ ही 18 अन्य गवाहों और चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला सुनाया गया है।

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