Ghaziabad Sex Test: चलती कार में होता था धंधा, हाईवे पर करा रहे थे सेक्स टेस्ट!

By धीरज मिश्रा | Published: July 11, 2024 12:59 PM2024-07-11T12:59:18+5:302024-07-11T13:10:38+5:30

Ghaziabad Sex Test: अकसर आपने सुना होगा कि लोग बेटे की चाहत में कई बार चोरी छिपे लिंग जांच कराते हैं। लेकिन, गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग जांच करवाना दंडनीय अपराध है।

Crime News Ghaziabad Prenatal Tests on eastern peripheral expressway | Ghaziabad Sex Test: चलती कार में होता था धंधा, हाईवे पर करा रहे थे सेक्स टेस्ट!

फाइल फोटो

HighlightsPrenatal Test: लिंग जांच करवाने वाला डॉक्टर मौके से फरारEastern peripheral expressway: गाजियाबाद में चलती कार में चल रहा था लिंग परीक्षण Ghaziabad Sex Test: 35 हजार रुपये में होता था लिंग परीक्षण

Ghaziabad Sex Test: अकसर आपने सुना होगा कि लोग बेटे की चाहत में कई बार चोरी छिपे लिंग जांच कराते हैं। लेकिन, गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग जांच करवाना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर कानूनी तौर पर सख्ता कार्रवाई का प्रावधान भी है। बावजूद, लोग अभी भी लिंग जांच करवाने से गुरेज नहीं करते हैं। यही वजह है कि गर्भ में ही बेटियों को मार दिया जाता है।

हालांकि, पुलिस प्रशासन का अब छोटे से लेकर बड़े अस्पताल में भी सख्त पहरा रहता है। प्रशासन द्वारा लगातार लिंग परीक्षण के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। बावजूद कुछ ऐसे हैं जो चंद पैसों के लिए कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं। ताजा मामला गाजियाबाद से आया है। जहां पुलिस को पता चला कि कुछ लोग तकनीक का गलत इस्तेमाल कर चलती कार में लिंग परीक्षण का धंधा कर रहे थे।

पुलिस के अनुसार, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर एक सुनसान जगह पर एक कार के अंदर बिजली के लिए यूपीएस से जुड़े पोर्टेबल मोबाइल फोन के आकार के अल्ट्रासाउंड स्कैनर का इस्तेमाल हो रहा था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें चलती गाड़ियों से अपना काम चलाने वाले और पकड़े जाने से बचने के लिए बार-बार अपना स्थान बदलने वाले गिरोह का पता चला। 

कानूनी स्वास्थ्य अधिकारी उमेश गुप्ता ने कहा कि गिरोह की मध्यस्थों में से एक मीनाक्षी त्यागी को हरियाणा और गाजियाबाद स्वास्थ्य टीमों के एक फर्जी ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। गुप्ता ने कहा कि हमें पता चला है कि वाहन में बिजली के लिए बाहरी बैटरी या यूपीएस से जुड़े मोबाइल आकार के पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड डिवाइस की मदद से परीक्षण किए जा रहे थे।

पिछले तीन वर्षों में, लिंग निर्धारण परीक्षण करने के लिए 18 क्लीनिक बंद कर दिए गए थे। जबकि 2023 में सात मामले दर्ज किए गए थे, इस साल जुलाई तक तीन दर्ज किए गए थे। अधिकारी ने कहा कि गिरोह द्वारा कम से कम तीन और कारों का इस्तेमाल किया गया था। गुप्ता ने कहा कि वे समूहों में काम कर रहे हैं। जब एक कार में परीक्षण किया जाता है, तो तीन से चार अन्य ईपीई पर पुलिस की आवाजाही के बारे में समूह को सतर्क करने के लिए चलतेहैं। उन्होंने कहा कि गिरोह आमतौर पर परीक्षणों के लिए 35,000 रुपये तक लेता है।

 

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