जामिया इस्लामिया दंगे: दिल्ली पुलिस ने JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दायर किए आरोप-पत्र
By भाषा | Updated: April 18, 2020 18:22 IST2020-04-18T18:22:55+5:302020-04-18T18:22:55+5:30
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम पर देशद्रोह का आरोप लगाया और कहा कि उसके द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों ने जनता के बीच वैमनस्य बढ़ाई, जिसकी वजह से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इलाके में दंगे हुए।

जामिया दंगों के सिलसिले में शरजील इमाम के खिलाफ आरोप-पत्र दायर! (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने शनिवार को यहां एक अदालत में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके बयान से लोगों के बीच वैमनस्य बढ़ा जिसकी वजह से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इलाके में दंगे हुए। अपने पूरक आरोप-पत्र में पुलिस ने कहा कि पिछले साल 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 'जामिया के छात्रों द्वारा आयोजित विरोध मार्च के परिणामस्वरूप गंभीर दंगे हुए।'
मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष दायर अपनी अंतिम रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा, 'भीड़ ने बड़े पैमाने पर दंगा, पथराव और आगजनी की तथा इस दौरान कई सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस थानों में दंगे, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज किए गए। दंगों में कई पुलिसकर्मियों और आम लोगों को भी चोट आई।' इस सिलसिले में न्यू फ्रेंड्स कालोनी और जामिया नगर थाने में मामले दर्ज किए गए।
पुलिस ने कहा कि न्यू फ्रेंड्स कालोनी मामले में इमाम को 13 दिसंबर 2019 को दिए गए देशद्रोहपूर्ण भाषण के कारण जामिया में दंगे भड़काने और लोगों को उकसाने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) और 153 ए (वर्गों के बीच में दुश्मनी को बढ़ावा देने) लगाई गईं।' पुलिस ने इससे पहले एसआईटी द्वारा गिरफ्तार दंगाइयों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था।
इसने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है। इमाम को बिहार के जहानाबाद से 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। वह शाहीन बाग में प्रदर्शन के आयोजन में शामिल था लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लोगों के एक समूह के सामने विवादास्पद टिप्पणी करने से जुड़े अपने वीडियो के सामने आने के बाद सुर्खियों में आया। इसके बाद उस पर देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने जामिया परिसर में “भड़काऊ” भाषण देने पर भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
उसके खिलाफ असम में भी सख्त आतंकवाद रोधी कानून के तहत एक अन्य मामला दर्ज किया गया था। उसने अपने भाषण में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ असम को देश से अलग करने की बात कही थी। मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी पुलिस ने इमाम के खिलाफ मामला दर्ज किया था।