बुली बाईः बिश्नोई ने पुलिस का मजाक उड़ाने के लिए भी बनाया था ट्विटर अकाउंट, इसलिए करता था ये सब काम
By अनिल शर्मा | Published: January 8, 2022 08:14 AM2022-01-08T08:14:31+5:302022-01-08T08:23:16+5:30
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान पता चला कि बिश्नोई ने पहले ‘गीयू’ नाम के साथ अनेक ट्विटर हैंडल बनाये थे। एक अन्य खाता तीन जनवरी, 2022 को बुली बाई ऐप मामले में मुंबई पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारियों का मजाक उड़ाने के लिए बनाया।
नयी दिल्लीः ‘बुली बाई’ ऐप मामले में अब तक की जांच में पता चला है कि इस मामले के मुख्य कर्ताधर्ता नीरज बिश्नोई की मंशा मशहूर होने और अपनी पहचान बनाने की थी। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को यह बात कही। पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच में 21 वर्षीय बिश्नोई को इन गतिविधियों के लिए किसी और के द्वारा प्रभावित किए जाने का पता नहीं चला है। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के पहले आ चुके ‘सुल्ली डील्स’ मामले में बिश्नोई की संलिप्तता हो सकती है और इस मामले की तफ्तीश की जा रही है।
बिश्नोई की गिरफ्तारी ने सुलझाए कई उलझे मामले
पुलिस के मुताबक आरोपी छात्र ने पहले ट्विटर पर भी एक अकाउंट बनाया था और एक शिकायतकर्ता की तस्वीर पर अभद्र टिप्पणियां की थीं और उसकी ‘निलामी’ के संबंध में ट्वीट भी किया था। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार इस तरह का एक खाता तब सामने आया जब ‘सुल्ली डील्स’ मामले में जांच चल रही थी। उसने अपने हैंडल के माध्यम से सुल्ली डील ऐप के संभावित निर्माता के संबंध में कुछ फर्जी जानकारी डालने की कोशिश की थी। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र बिश्नोई की गिरफ्तारी के साथ उसने गिटहब प्लेटफॉर्म पर बुली बाई ऐप पर ‘निलामी’ के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालने से संबंधित मामले को सुलझा लिया है।
पुलिस का मजाक उड़ाने के लिए भी बनाया गया ट्विटर अकाउंट
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान पता चला कि बिश्नोई ने पहले ‘गीयू’ नाम के साथ अनेक ट्विटर हैंडल बनाये थे। गीयू वीडियो गेम का एक पात्र है। पुलिस के अनुसार एक हैंडल दक्षिण पश्चिम दिल्ली में किशनगढ़ थाने में दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित पाया गया। आरोपी ने एक अन्य खाता तीन जनवरी, 2022 को बुली बाई ऐप मामले में मुंबई पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारियों का मजाक उड़ाने के लिए बनाया। पुलिस ने बताया कि इसी तरह का एक हैंडल सुल्ली डील्स ऐप मामले में जांच के दौरान सामने आया। पुलिस उपायुक्त (साइबर) के पी एस मल्होत्रा ने कहा कि मामले में आगे जांच जारी है।