बुलंदशहर हिंसा के 23 दिन बाद भी यूपी पुलिस के हाथ रहे खाली! मुख्य आरोपी खुलेआम पहुंचा कोर्ट
By पल्लवी कुमारी | Published: December 25, 2018 02:23 PM2018-12-25T14:23:32+5:302018-12-25T14:23:32+5:30
Bulandshahr Violence: तीन दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर में एक आक्रोशित भीड़ द्वारा किए गए हमले में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक की मृत्यु हो गई थी।
बुंलदशहर में हिंसा के तकरीबन एक महीने हो चुके हैं। तीन दिसम्बर को ये हिंसा हुई थी। लेकिन अब-तक हिंसा के दो मुख्य आरोपी बजरंग दल का योगेश राज और बीजेपी युवा मोर्चा का शिखर अग्रवाल यूपी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। इस मामले में यूपी पुलिस के हाथ अब भी खाली है।
पुलिस के सामने पहुंचा आरोपी कोर्ट
वेबसाइट एनडीटीवी के मुताबिक, हिंसा का मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल यूपी पुलिस के सामने ही कोर्ट पहुंचा। एनडीटीवी के मुताबिक शनिवार को बुलंदशहर कोर्ट में पुलिस द्वारा शिखर अग्रवाल की संपत्ति की कुर्की के नोटिस के खिलाफ अपनी याचिका में शिखर अग्रवाल ने मांग की है कि वो तीन हप्ते में इस नोटिस के खिलाफ हलफनामा दायर करेगा तब तक उसकी संपत्ति को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाए।
ये काफी चौंकाने वाला था कि जिस आरोपी को यूपी पुलिस पकड़ने में असफल रही थी, वो खुद अपनी याचिका की सुनवाई में कोर्ट में पहुंचा था। इस बात ने यूपी पुलिस के काम के ऊपर एक सवालियां निशान खड़ा कर दिया है।
18 जनवरी, 2018 को अगली सुनवाई
बुलंदशहर हिंसा मामले में आरोपी शिखर अग्रवाल उर्फ शिखर कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम सूरत राम मौर्य और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस रिट याचिका में दी गई दलीलों के जवाब में एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी, 2018 की तारीख तय की।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में बुलंदशहर में हिंसा के मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने कहा- पुलिस परिवार का उत्पीड़न कर रही है
याचिकाकर्ता के मुताबिक, वह एक मेडिकल छात्र है। उसका आरोप है कि इस मामले की जांच करने के बजाय स्थानीय पुलिसकर्मी उसके परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं इसलिए उसने अदालत से इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस से किसी अन्य एजेंसी को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
सरकारी वकील ने कहा- नामजद जांच में सहयोग नहीं कर रहा है
हालांकि, इस रिट याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के वकील ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। इसके अलावा, मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है।
राज्य सरकार के वकील ने आगे दलील दी कि याचिकाकर्ता बुलंदशहर हिंसा मामले में नामजद है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। आरोपी याचिकाकर्ता की उपस्थिति पक्की करने के लिए उसकी संपत्ति तक कुर्क कर ली गई है।
क्या था मामला
गौरतलब है कि तीन दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर में एक आक्रोशित भीड़ द्वारा किए गए हमले में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक की मृत्यु हो गई थी। यह भीड़ उस क्षेत्र में कथित गो हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)