बिहार: कांग्रेस नेता राजो सिंह हत्याकांड में 17 साल बाद आया फैसला, सभी पांचो आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी

By एस पी सिन्हा | Published: June 3, 2022 03:15 PM2022-06-03T15:15:19+5:302022-06-03T15:15:19+5:30

राजो सिंह हत्याकांड में आखिरकार 17 साल बाद निचली अदालत का फैसला शुक्रवार को आ गया. अदालत ने सबूत के अभाव में सभी पांचों आरोपियों को निर्दोष बताते हुए बरी कर दिया.

Bihar: verdict in Congress leader Rajo Singh murder case came after 17 years, court acquitted all five accused | बिहार: कांग्रेस नेता राजो सिंह हत्याकांड में 17 साल बाद आया फैसला, सभी पांचो आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी

कांग्रेस नेता राजो सिंह हत्याकांड में 17 साल बाद आया फैसला (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsराजो सिंह की हत्या 9 सितंबर 2005 की शाम शेखपुरा के कांग्रेस कार्यालय आजाद हिंद आश्रम में हुई थी.17 साल बाद आया फैसला, सबूत के अभाव में सभी पांचों आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया.

पटना: बिहार के बहुचर्चित राजो सिंह हत्याकांड में 17 साल बाद आखिरकार निचली अदालत का फैसला आ गया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजो सिंह हत्याकांड में निचली अदालत ने सबूत के अभाव में सभी पांचों आरोपियों को निर्दोष बताते हुए बरी कर दिया.

अपर लोक अभियोजक शंभुशरण सिंह ने बताया चार दिन पहले अदालत ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय संजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को अपना निर्णय सुनाते हुए सभी को निर्दोष करार दिया. 

एडीजे तृतीय संजय सिंह ने इस मामले में आरोपी शंभू यादव अनिल महतो, बच्चों महतो, पिंटू महतो और राजकुमार महतो को बरी किया है. बहुचर्चित राजो सिंह हत्याकांड में बिहार सरकार के मौजूदा मंत्री अशोक चौधरी से लेकर जदयू विधायक रणधीर कुमार सोनी तक के नाम की खूब चर्चा हुई थी. इस मामले में अशोक चौधरी और रणधीर कुमार सोनी के साथ-साथ शेखपुरा नगर परिषद के पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश यादव और अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. 

दरअसल, आरोपियों के पाक साफ निकल जाने का रास्ता उसी वक्त साफ हो गया था, जब राजो सिंह के पोते और जदयू विधायक सुदर्शन ने इस मामले में कदम पीछे खींच लिया था.

सुदर्शन ने पिछले दिनों अपनी तरफ से लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया था. कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले पर फैसला आना था और शेखपुरा की निचली अदालत ने सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया. जबकि पुलिस ने अशोक चौधरी और रणधीर कुमार सोनी के साथ-साथ कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं किया था. इस मामले में एक अन्य अभियुक्त कमलेश महतो की पहले ही मृत्यु हो चुकी है. 

कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजो सिंह की हत्या 9 सितंबर 2005 की शाम शेखपुरा के कांग्रेस कार्यालय आजाद हिंद आश्रम में गोली मारकर कर दी गई थी. इस घटना में राजो सिंह के साथ ग्रामीण कार्य विभाग शेखपुरा के प्रधान लिपिक और एकाढा गांव निवासी श्याम किशोर सिंह की भी हत्या कर दी गई थी. घटना के समय वे राजो सिंह के पास ही बैठे थे. 

इस घटना को लेकर राजो सिंह के पौत्र तथा वर्तमान में बरबीघा के जदयू विधायक सुदर्शन कुमार के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. राजद नेता शंभु यादव व अनिल महतो को आरोपित किया था. अनुसंधान के क्रम में बच्‍चू महतो, पिंटू महतो तथा राजकुमार का नाम भी आया था. बता दें कि विधायक सुदर्शन पहले कांग्रेस में थे, लेकिन बाद में वह जदयू में शामिल हो गए. साल 2020 का चुनाव उन्होंने जदयू की टिकट पर जीता.

Web Title: Bihar: verdict in Congress leader Rajo Singh murder case came after 17 years, court acquitted all five accused

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