बिहारः मुजफ्फपुर के गर्ल हॉस्टल में यौन शोषण का भंडाफोड़, 3 नाबालिग छात्राएं गर्भवती
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: June 9, 2018 11:41 IST2018-06-09T10:07:52+5:302018-06-09T11:41:49+5:30
Muzaffapur Girls Hostel Case:हॉस्टल की 44 में से तीन नाबालिग लड़कियों गर्भवती हैं। पुलिस को एक मूंछ वाले अंकल और एक आंटी की तलाश है।

Muzaffapur Girls Hostel Case| Muzaffapur Girls Hostel sexual abuse case| मुजफ्फपुर गर्ल हॉस्टल यौन शोषण मामला
मुजफ्फरपुर, 9 जूनः बिहार के मुजफ्फरपुर के एक गर्ल हॉस्टल में छात्राओं के यौन शोषण का मामला सामने आया है। 'टाटा इंस्टीट्यूट, कोशिश' के एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि हॉस्टल की 44 में से तीन नाबालिग लड़कियों गर्भवती हैं। इंस्टीट्यूट के सर्वे के बिनाह पर दर्ज की गई रिपोर्ट के बाद पुलिस ने हॉस्टल में दबिश दी। वहां छात्राओं ने एक मूंछ वाले अंकल और एक आंटी का जिक्र किया। पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है।
नेताओं और अधिकारियों को सप्लाई होती थीं लड़कियों
इसी महीने मुजफ्फरपुर के ही सरकारी बालिका गृह की लड़कियों के यौन शोषण का भंडाफोड़ हुआ था। 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस' की रिपोर्ट पर ही सरकारी बालिका गृह की लड़कियों को नेताओं और अधिकारियों के घर भेजे जाने की खबर सामने आई थी।
एनजीओ की शिकायत पर पुलिस ने धारा 376 और 120 बी के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले कि पुलिस मौके पर पहुंच कर धर-पकड़ शुरू कर पाती, किसी ने पुलिस के बीच से ही आरोपियों को इसकी सूचना दे दी। बालिका गृह का संचालन करने वाली संस्था के लोग फरार हैं। मामले के खुलासे के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ी हुई है।
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हालांकि बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों को वहां से हटा दिया गया था। एएनआई की खबर के मुताबिक सभी लड़कियों पटना और मुधबनी स्थित सुधारगृहों में भेज दिया गया था।।
एएनआई के अनुसार इस बालिका गृह का संचालन 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' नाम का एनजीओ कर रहा था। लेकिन यहां रहने वाली लड़कियों से गलत धंधा करवाया जा रहा था। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ऑडिट रिपोर्ट के पेज नंबर 52 पर इस एनजीओ के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए थे। इसमें ऐसी आशंका व्यक्त की गई थी लड़कियों को यौन धंधे में ढकेला जा रहा है। इसमें खासकर नेताओं और बड़े अधिकारियों के लिप्त होने की भी आशंका है।
फिलहाल इंस्टीट्यूट ने अपनी सोशल संस्थाओं ऑडिट रिपोर्ट 'समाज कल्याण विभाग' पटना के निदेशक को सौंप दी है। इससे कई और खुलासे होने के आसार हैं।