बिहारः पीएफआई की फंडिंग और संचालन के तार दोहा से जुड़े होने के साक्ष्य मिले, पाकिस्तान संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के सक्रिय सदस्य ने उगले कई राज, कई अरेस्ट

By एस पी सिन्हा | Published: July 21, 2022 06:18 PM2022-07-21T18:18:32+5:302022-07-21T18:19:52+5:30

देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार अभियुक्तों से अन्य राज्यों की पुलिस भी पूछताछ कर सकती है या उन्हें रिमांड पर ले सकती है.

bihar PFI funding and operations linked Doha active member Pakistan's radical organization Tehreek-e-Labbaik spilled many secrets | बिहारः पीएफआई की फंडिंग और संचालन के तार दोहा से जुड़े होने के साक्ष्य मिले, पाकिस्तान संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के सक्रिय सदस्य ने उगले कई राज, कई अरेस्ट

पुलिस व सेंट्रल एजेंसियों के द्वारा की जा रही गहन पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं.

Highlightsपटना के फुलवारीशरीफ में भी कुछ दिन रह चुका है.अतहर परवेज और अरमान मलिक ने पूछताछ के दौरान पुलिस को इससे जुड़ी जानकारी दी है.केएम आरिफ और अब्दुल सहित 12 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है.

पटनाः पटना के फुलवारी शरीफ में सामने आये टेरर मड्यूल के जांच में जुटी पुलिस को पीएफआई की फंडिंग और संचालन के तार दोहा से जुडे़ होने के साक्ष्य मिले हैं. दोहा की रास लाफेल संस्था पीएफआइ को उसके अभियान के लिए फंडिंग कर चुकी है. 

अतहर परवेज और अरमान मलिक ने पूछताछ के दौरान पुलिस को इससे जुड़ी जानकारी दी है. उनके पास से दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. संस्था पैन इंडिया मूवमेंट के नाम पर टैलेंट सर्च आयोजित करती है. इसमें केएम आरिफ और अब्दुल सहित 12 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है.

सुरक्षा एजेंसियों के सामने पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के सक्रिय सदस्य व गजवा-ए-हिंद के एडमिन मरगूब दानिश अहमद उर्फ ताहिर ने कई राज उगले हैं. पुलिस व सेंट्रल एजेंसियों के द्वारा की जा रही गहन पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. सूत्रों के अनुसार दानिश पीएफआइ के मीडिया सेल से जुड़ा था और लगातार सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट डालता था.

इसके कारण उसके संपर्क में बांग्लादेशपाकिस्तान के कट्टरपंथी आ गये थे. तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े फैजान ने भी उससे संपर्क किया था. इस दौरान फैजान ने दानिश को कई विवादित और भड़काऊ पोस्ट भेजे थे. जबकि पीएफआई से जुडे मरगूव दानिश अहमद उर्फ ताहिर कोर्ड वर्ड में अपने पाकिस्तानी और बांग्लादेशी साथियों से बात करता था. टीम अब इस कोड वर्ड को डिकोड करने में लगी है. 

सूत्रों के अनुसार, सेंट्रल एजेंसी एनआइए और आइबी के साथ ही एटीएस व पटना पुलिस ने उससे चैटिंग के संबंध में पूछताछ की. उसके मोबाइल फोन में जयपुर के एक व्यक्ति का नंबर मिला है, जिससे उसने कई बार व्हाट्सअप के माध्यम से चैटिंग की थी. तारिक से पूछताछ के संबंध में फिलहाल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले जो सबूत मिले थे, अब वो धीरे-धीरे पुख्ता हो रहे हैं.

साथ ही कई नयी जानकारियां भी मिली हैं, जिसका सत्यापन कराया जा रहा है. ऐसे में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार अभियुक्तों से अन्य राज्यों की पुलिस भी पूछताछ कर सकती है या उन्हें रिमांड पर ले सकती है. सूत्रों की मानें, तो जिन-जिन राज्यों में पीएफआई और एसडीपीआइ संगठन पर प्रतिबंध लगा हुआ है, वहां की पुलिस इन लोगों से पूछ ताछ कर सकती है. 

सूत्रों के अनुसार अब रियाज उर्फ रियाज फरंगीपेट की तलाश है. वह पीएफआई का राष्ट्रीय स्तर का नेता है व एसडीपीआइ का बिहार प्रभारी है. रियाज मूल रूप से दक्षिण केरल के बनतवाल माजापे बंटवाल का रहने वाला है. सूत्रों का कहना है कि वह काफी दिनों से अतहर के संपर्क में था और पटना के फुलवारीशरीफ में भी कुछ दिन रह चुका है.

इसे थानाध्यक्ष एकरार अहमद के दिये गये बयान के आधार पर नामजद अभियुक्त बनाया गया है. पटना पुलिस इसे पकड़ने के लिए जल्द ही केरल रवाना होगी. इसमें एनआइए व आइबी भी मदद करेगी. उधर, पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार मदरसा शिक्षक असगर अली के तार भोपाल के एक आतंकी मामले से जुडे हैं.

मार्च 2022 में भोपाल में एनआइए ने केस दर्ज किया था, जिसमें छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. सातवीं गिरफ्तारी असगर की हुई है. भोपाल आतंकी मामले में असगर का इनपुट एनआइए को मिला था. सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र एटीएस, यूपी एटीएस, तेलंगाना एटीएस, एनआईए और रॉ के अधिकारी बिहार एटीएस के शीर्ष अधिकारियों के साथ अहम बैठक कर रहे हैं.

गजवा ए हिंद ग्रुप का मुख्य हैंडलर कौन है और इसका संचालन कहा से हो रहा है, इसके साथ-साथ इसका कॉमन लिंक तलाशने का कोशिश की जा रही है. असगर ने सहारनपुर के देवबंद के बाद भोपाल में ही रहकर मौलवी की पढ़ाई की है. बांग्लादेश का आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन से मौलाना मुफ्ती असगर अली का तार जुडा हुआ है.

उम्मीद जताई जा रही है कि एनआईए के पूछताछ में कई और खुलासे हो सकते हैं. एनआईए ने मौलवी के पास से उसका एक लैपटॉप और दो बैग को जब्त किया है. एनआईए सूत्रों के अनुसार मौलाना मुफ्ती असगर अली मुस्लिम युवकों को ऑन लाइन माइंड वॉश काम करने का करता था और यह लगातार जिहादी बना रहा था.

पीएफआइ और गजवा-ए-हिंद मामले की जांच की कमान जल्द ही आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को मिल सकती है. अभी जांच की कमान पटना पुलिस के पास है, जबकि एटीएस समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियां जांच में सहयोग कर रही हैं.

 सूत्रों के अनुसार, पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इसको लेकर पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर जांच की कमान एटीएस को सौंपने का आग्रह किया है. पुलिस मुख्यालय की अनुमति मिलने के साथ ही दोनों मामलों की जांच की कमान एटीएस को मिल जाएगी. 

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