नवादा में जहरीली शराब से मौत होने की पुष्टि जांच टीम ने की, छोटे अधिकारियों पर गाज
By एस पी सिन्हा | Published: April 4, 2021 02:53 PM2021-04-04T14:53:06+5:302021-04-04T14:53:59+5:30
एसपी धूरत सयाली सांवलाराम की अनुशंसा पर नगर थानाध्यक्ष टीएन तिवारी को मगध क्षेत्र के आइजी ने निलंबित कर दिया है.
पटनाः बिहार में शराबबंदी के बावजूद नवादा में जहरीली शराब से करीब 16 लोगों की मौत हो गई.
जहरीली शराब कांड की जांच के लिए सरकार ने राज्य मुख्यालय से एक टीम भेजी, लेकिन इस मामले में अब तक के जिले के आला अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बजाय छोटी मछलियों पर गाज गिराई जा रही है. पहले चौकीदार और अब थानेदार को निलंबित किया गया है.
एसपी धूरत सयाली सांवलाराम की अनुशंसा पर नगर थानाध्यक्ष टीएन तिवारी को मगध क्षेत्र के आइजी ने निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही नगर थाने में पदस्थापित एसआइ उमाशंकर को प्रभार लेने का आदेश जारी किया गया है. वहीं, नवादा में हुई मौतों के पीछे नकली शराब को कारण माना जा रहा है. इस मामले में पटना जांच टीम के द्वारा जांच किया गया.
जांच टीम के द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि नवादा जिले में जो 3 मौतें हुई है, उसके पीछे का कारण नकली शराब हो सकती है. इस मामले में आयुक्त उत्पाद सह निबंधन महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी द्वारा यह कहा गया है कि इंटेलिजेंस, अब तक की गई छापेमारी और तलाशी के बाद जो भी बातें सामने आई हैं, उससे प्रथम दृष्टया लोगों की हुई मौत में कहीं न कहीं नकली शराब की बात सामने आ रही है.
साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन इसकी पुष्टि वे तभी कर सकते हैं, जब विसरा रिपोर्ट और जब्त की गई शराब की रिपोर्ट आ जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पटना से गई जांच टीम ने स्वीकार किया है कि नवादा में तीन दिनों में जो मौतें हुई हैं, उसकी वजह नकली शराब हो सकती है. यहां बता दें कि आरंभ में डीएम और एसपी शराब से मौत की बात को सिरे से खारिज करते रहे.
जब 16 की मौत हुई तो प्रशासनिक स्तर पर 10 की मौत की बात कही जाती रही. इसके बाद चौकीदार को निलंबित कर दिया गया. एक दिन बाद थानेदार पर भी गाज गिर ही गई. वहीं, जांच टीम में गये आईजी मद्यनिषेध अमृत राज ने बताया कि आसूचना के आधार पर छापेमारी और तलाशी ली गई. इस दौरान बरामद शराब को जांच के लिए केमिकल लैब भेजा गया है.
साथ ही मृतक के परिजनों से भी बात की गई. तमाम पहलुओं को देखने के बाद प्रथम दृष्टया नकली शराब का मामला लगता है. इस मामले में सात प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. बहुत सारे लीड्स व इनपुट्स मिले हैं. जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इसमें पुलिस व मद्य निषेध विभाग के अधिकारी शामिल हैं.