बिहार बालिका गृह मामला: मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार लेकिन उसकी साथी है अब तक फरार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: July 31, 2018 20:44 IST2018-07-31T20:44:55+5:302018-07-31T20:44:55+5:30
इस कांड का मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की राजदार और बालिका गृह की कर्ता-धर्ता मधु अभी भी पुलिस और सीबीआई की गिरफ्त से बाहर है।

बिहार बालिका गृह मामला: मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार लेकिन उसकी साथी है अब तक फरार
पटना, 31 जुलाई। बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका अल्पवास गृह यौन उत्पीड़न कांड की सीबीआई जांच तो शुरू हो गई है। लेकिन इस कांड का मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की राजदार और बालिका गृह की कर्ता-धर्ता मधु अभी भी पुलिस और सीबीआई की गिरफ्त से बाहर है। जबकि महिला थाने की केस डायरी में उसका जिक्र किया गया है। बताया जाता है कि ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु की तलाश लंबे समय से चल रही है। लेकिन, अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बालिका गृह यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म मामले की जांच में एक नई बात सामने आई है। जांच एजेंसी को अब एक मिस्ट्री वुमन मधु की तलाश है जो ब्रजेश की काली करतूतों की राजदार है।
मधु ‘लालटेनपट्टी’ उजड़ने के बाद पहली बार ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में आई थी। मधु ब्रजेश ठाकुर के संगठनों को देखना-चलाना करती थी। मधु तब ब्रजेश के संपर्क में आई थी जब 2001 में प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारी दीपिका सूरी ने मुजफ्फरपुर के रेडलाइट एरिया चतुर्भुज स्थान इलाके में चल रहे देह व्यापार को ‘ऑपरेशन उजाला’ चलाकर खत्म कर दिया था। अभियान में कई तहखाने मिले जहां लडकियों को छुपाकर रखा गया था। मुख्य सरगना के रूप में अनवर मियां का नाम सामने आया। प्रशिक्षु आइपीएस ने मोहल्ला सुधार समिति का गठन कराया। इसमें ब्रजेश ठाकुर की एंट्री हुई और मधु सहित 12 लोग इसके सदस्य बने।
बताया जाता है कि मोहल्ला सुधार समिति की देखरेख में वहां जागरूकता अभियान चलने लगा। सेवा संकल्प विकास समिति सक्रिय हुई। उसके बाद ब्रजेश ठाकुर ने वहां के समुदाय आधारित संगठन वामा शक्ति वाहिनी का गठन कर उसकी कमान मधु को दे दी। संगठन में प्रमुख सहयोगी मधु की बहन माला, कल्लो बेगम आदि महिलाएं काम करने लगीं। मोहल्ले में बिकने वाली लडकियों को मुक्त कराना, एचआइवी एड्स के लिए जागरूक करना, इस संगठन ने अपना मुख्य काम बनाया। मधु के माध्यम से ब्रजेश ने वहां पैठ बनाई। बाद में बालिका सुधार गृह खुल गया। जहां लडकियों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। वहीं, सेंटर से बच्चियों के खरीद फरोख्त का धंधा भी पर्दे के पीछे चलने की बात दबी जुबान सामने आई। रेडलाइट एरिया में केंद्र खुलने के बाद लोगों में यह चर्चा रही कि यह सबसे सुरक्षित जगह है। पहले बनारस के एक ‘रईस’ कोठे पर आता था। उसके घर पर खुला सेंटर। इस कमाई से मधु ने अपनी जमीन ली और मकान बनाया। मोहल्ले के ही एक लड़के से शादी की। हालांकि, बाद में उससे रिश्ता ठीक-ठाक नहीं रहा। इधर, ब्रजेश ठाकुर जहां भी जाने को कहता मधु वहां जाती।
बताया जाता है कि मधु की तलाश में चतुर्भुजस्थान समेत कई जगह पर छापेमारी भी हुई है। लेकिन मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की राजदार और बालिका गृह की कर्ता-धर्ता मधु अभी भी पुलिस और सीबीआई की गिरफ्त से बाहर है। जबकि, महिला थाने की केस डायरी में उसका जिक्र किया गया है। पुलिस सूत्रों कि मानें तो मधु की गिरफ्तारी ब्रजेश के गुनाहों की फेहरिस्त और लंबी कर सकती है। बालिका गृह में रहने वाली लडकियों ने भी मधु नाम की महिला का जिक्र किया है जो अक्सर बालिका गृह के कामकाज का जायजा लेने के लिए वहां मौजूद रहती थी। बालिका गृह, ब्रजेश ठाकुर का घर और उसके अखबार की प्रिंटिंग प्रेस तीनों एक ही बिल्डिंग में है। पुलिस ने मधु के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज नहीं की है, लेकिन पुलिस की केस डायरी में उसका जिक्र जरूर है। ठाकुर समेत दस लोगों की गिरफ्तारी के बाद मधु के बारे में मिले अहम सुरागों ने पुलिस को चौंका दिया।
बताया जाता है कि पुलिस ने मामला दर्ज होने के लगभग 58 दिन बाद मधु की तलाश में जोरदार छापेमारी शुरू की। लेकिन, अबतक वह हाथ नहीं आई है। पुलिस के बाद अब सीबीआई के लिए भी मधु की तलाश इस कांड में अहम बन गई है। कुछ स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, वह भूमिगत हो चुकी है और बिहार की सीमा से बाहर जा चुकी है़ बताया जा रहा कि ब्रजेश ठाकुर की मदद से मधु के तार सियासी और प्रशासनिक महकमों में दूर तक फैले थे और ठाकुर की गैर मौजूदगी में वही उसके एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का कामकाज देखती थी। यही एनजीओ साहू रोड में बालिका गृह का संचालन कर रही थी। मधु अपने को इसका अघोषित डायरेक्टर कहती थी। वकालत की पढाई कर चुकी मधु को टेंडर हथियाने वाली महिला के तौर पर भी जाना जाता है। मधु ही वो राजदार है, जो पिछले 30 सालों से ब्रजेश ठाकुर की सबसे नजदीक रही है। जब 2013 में चिल्ड्रेन होम से तीन लडकियां गायब हो गई थीं तब भी पूरे मामले की सूचना देने से लेकर दस्तावेज प्रबंधन का काम मधु ने ही किया था।
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